सार
कोटा (राजस्थान). कोटा में कोचिंग छात्रों को बड़ी राहत, हॉस्टल में सिक्योरिटी व कॉशन मनी नहीं लगेगी राजस्थान के कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। अब कोटा के किसी भी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को सिक्योरिटी और कॉशन मनी जमा नहीं करनी होगी। जिला प्रशासन और हॉस्टल एसोसिएशन की सहमति से यह निर्णय लिया गया है, जिससे हजारों छात्रों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
छात्रों की समस्याओं को देखते हुए लिया गया फैसला
कोटा में हर साल लाखों छात्र देशभर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। यहां करीब 4,000 से अधिक हॉस्टल संचालित हैं, जिनमें लगभग 1.50 लाख छात्रों के रहने की क्षमता है। पहले हॉस्टल जॉइन करने पर छात्रों से सिक्योरिटी और कॉशन मनी के रूप में मोटी रकम ली जाती थी, जिसे सेशन समाप्त होने के बाद लौटाया जाता था। लेकिन कई बार छात्र समय पर यह राशि वापस नहीं ले पाते थे या फिर उन्हें अनावश्यक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसी को देखते हुए जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान निकाला।
हॉस्टल व कोचिंग के लिए नई गाइडलाइन लागू
जिला प्रशासन ने कोचिंग छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई अहम गाइडलाइंस भी जारी की हैं।
सिक्योरिटी व कॉशन मनी समाप्त – अब छात्रों से एडवांस सिक्योरिटी या कॉशन मनी नहीं ली जाएगी। मेंटेनेंस चार्ज – 2,000 रुपये वार्षिक मेंटेनेंस चार्ज तय किया गया है, जिसे वापस नहीं किया जाएगा। हेल्प डेस्क – रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर छात्रों व अभिभावकों के लिए हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। एंटी-हैंगिंग डिवाइस – हॉस्टल संचालकों को अनिवार्य रूप से यह उपकरण लगाने होंगे।
सुरक्षा व्यवस्था – सीसीटीवी कैमरे, बायोमेट्रिक एंट्री और नाइट अटेंडेंस मैनुअल होगी।
गर्ल्स हॉस्टल में विशेष प्रावधान – पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, और महिला वार्डन नियुक्त होगी। छात्रों की सेहत का ध्यान – हॉस्टल में रिक्रिएशनल एरिया बनाया जाएगा और मेडिकल इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी
पेरेंट्स को भुगतान रसीद देना अनिवार्य– किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए यह नियम लागू किया गया है
छात्रों और अभिभावकों को मिलेगी राहत
इस फैसले से न केवल छात्रों बल्कि उनके अभिभावकों को भी बड़ी राहत मिलेगी। कोटा में पढ़ाई करने का खर्च पहले से ही अधिक होता है, ऐसे में यह निर्णय छात्रों के आर्थिक बोझ को कम करेगा। प्रशासन का यह कदम कोटा को सुरक्षित और सुविधाजनक शैक्षिक हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।