सार
जयपुर। साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए पुलिस का अभियान तेज होने के साथ ही ठगों ने अपनी रणनीति बदल ली है। शहरों और गांवों में पुलिस के लगातार छापों के कारण ठग अब जंगल और खेतों में ठिकाने बनाने लगे हैं। भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे ही गुप्त ठिकाने का पर्दाफाश किया है, जो सरसों के खेतों के बीच वाटरप्रूफ टेंट में स्थापित था। जबकि इन लोगों के पास खुद की करोड़ों की कोठियां और मकान है। लेकिन वहां पर लगातार पुलिस की नजर बनी हुई रहती है।
खेत में लगा रखी हैं हाईटेक सुविधाएं
इस हाईटेक ठिकाने में ठगों ने सभी आधुनिक सुविधाएं जुटा रखी थीं। ठग यहां से आराम से बैठकर फर्जी कॉल्स के जरिए लोगों को ठगने का काम करते थे। भरतपुर आईजी राहुल प्रकाश के नेतृत्व में पुलिस ने “ऑपरेशन एंटीवायरस” चलाकर ठगों के इस ठिकाने पर छापा मारा। 5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने सात ठगों को गिरफ्तार किया, जबकि कुछ ठग अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।
नई-नई तरकीबें अपनाकर करते ठगी
गिरफ्तार किए गए ठगों के पास से आठ मोबाइल फोन, 15 फर्जी सिम कार्ड, लैपटॉप, और ठगी से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए। पुलिस ने पाया कि टेंट में गद्दे, रजाई, बिजली कनेक्शन, बीड़ी-सिगरेट, और कोल्ड ड्रिंक्स तक की व्यवस्था थी। ठग यहां दिन-रात काम कर रहे थे और भोले-भाले लोगों को ठगने के लिए नई-नई तरकीबें अपनाते थे।
पुलिस की स्पेशल टीम भी हुई घायल
डीएसटी टीम के प्रभारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि तकनीकी उपकरणों की सहायता से ठगों की लोकेशन ट्रेस की गई। ठिकाने पर पहुंचते ही ठगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पीछा कर उन्हें दबोच लिया। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। डीएसपी गिर्राज मीणा ने बताया कि इन ठगों का नेटवर्क बड़ा और संगठित है। फरार ठगों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि इस कार्रवाई से ठगों के हौसले पस्त हुए हैं और अब पुलिस इनपर सख्त शिकंजा कसने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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