सार

बाड़मेर में सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं का कब्ज़ा! कलेक्टर की नाक के नीचे करोड़ों की ज़मीन बेची जा रही है। क्या प्रशासन आँखें बंद कर बैठा है?

बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर जिले में भूमाफियाओं का आतंक इस हद तक बढ़ चुका है कि वे सरकारी जमीन को भी अवैध रूप से बेच रहे हैं। प्रशासनिक लापरवाही और मिलीभगत के चलते इन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि जिला कलेक्टर कार्यालय के लिए आरक्षित जमीनों तक पर अवैध कॉलोनियां बसा दी गई हैं।

बाड़मेर के अहमदाबाद-सांचौर हाईवे पर किया कब्जा

सरकारी जमीनों पर अवैध कॉलोनियां, प्रशासन मौन सूत्रों के अनुसार, बाड़मेर के अहमदाबाद-सांचौर हाईवे पर स्थित खसरा नंबर 1633 राजस्थान पुलिस की फायरिंग रेंज के लिए आवंटित था। लेकिन इस महत्वपूर्ण जमीन को भी भूमाफियाओं ने नहीं छोड़ा। नगर परिषद से फर्जी पट्टे बनवाकर इस जमीन को बेच दिया गया। जब पुलिस और प्रशासन को इस घोटाले की भनक लगी, तो फर्जी पट्टे तो रद्द कर दिए गए, लेकिन अभी तक किसी भूमाफिया पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई।

यह जमीन बाड़मेर कलेक्टर के नाम थी

जिला कलेक्टर की जमीन पर कॉलोनियां, बेचे जा रहे प्लॉट बाड़मेर के रोहिड़ा पाड़ा क्षेत्र में खसरा नंबर 1606 में 31.5 बीघा जमीन जिला प्रशासन के कार्यालयों के लिए आरक्षित थी। यह जमीन कलेक्टर के नाम दर्ज थी, लेकिन यहां भी भूमाफियाओं ने अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉट बेच दिए। नगर परिषद ने कुछ अस्थायी निर्माण हटाने की औपचारिकता तो की, लेकिन कुछ ही दिनों में फिर से अतिक्रमण हो गया।

स्कूल के लिए आरक्षित जमीन भी नहीं छोड़ी शहर के नाथू सिंह का बंधा इलाके में पाकिस्तान से विस्थापित शरणार्थियों के लिए 2016-17 में सरकारी स्कूल के लिए 5 बीघा जमीन आवंटित की गई थी। लेकिन इस जमीन को भी भूमाफियाओं ने प्लॉट में बदलकर बेच दिया। अब मजबूर होकर राजकीय प्राथमिक विद्यालय एक सामुदायिक भवन में संचालित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग कई बार शिकायत कर चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

रात के अंधेरे में पहाड़ों को खोदकर प्लॉटिंग

वन विभाग की जमीन भी भूमाफियाओं के निशाने पर गडरा रोड स्थित मोडली डूंगरी पहाड़ कभी वन विभाग के पास था, लेकिन कॉलोनी बसाने के लिए इसे नगर परिषद को सौंप दिया गया। अब भूमाफिया इस पहाड़ को धीरे-धीरे काट रहे हैं और मकान-दुकान बना रहे हैं। रात के अंधेरे में पहाड़ों को खोदकर प्लॉटिंग का खेल किया जा रहा है। प्रशासन की निष्क्रियता से बढ़ रहा अवैध कब्जा भूमाफियाओं की इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए कुछ दिन पहले जिला कलेक्टर टीना डाबी ने नगर परिषद, वन विभाग और राजस्व विभाग की एक संयुक्त कमेटी बनाई थी। कमेटी को अतिक्रमण चिन्हित कर हटाने के आदेश दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

राजस्थान मंत्री ने दिया गोलमोल जवाब

सरकार और प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल जब मंत्री जोराराम कुमावत से सरकारी जमीनों की इस लूट पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि "गांव और शहर बसते ही सरकारी जमीनों पर हैं, जिन्हें नियमानुसार नियमित किया जा सकता है।" इस बयान से साफ है कि सरकार और प्रशासन भूमाफियाओं पर सख्ती दिखाने के मूड में नहीं हैं।

बाड़मेर प्रशासन पर खड़े हो रहे सवाल

क्या होगी कोई कार्रवाई? बाड़मेर में सरकारी जमीनों की इस लूट पर प्रशासन और सरकार की चुप्पी सवाल खड़े करती है। यदि समय रहते इन अतिक्रमणों को नहीं हटाया गया तो आने वाले समय में बाड़मेर में सरकारी संपत्तियों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। अब देखना यह होगा कि प्रशासन सख्त कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी सरकारी फाइलों में दफन होकर रह जाएगा।

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