Barmer News : राजस्थान में सोशल मीडिया की दुनिया से एक के बाद एक चौंकाने वाले चेहरे सामने आ रहे हैं — और इस बार मामला सिर्फ फॉलोअर्स का नहीं, बल्कि ड्रग्स तस्करी का है। बीते एक सप्ताह में दो महिला सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को एमडी और अफीम जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया गया है। एक केस में तो साथ में भारतीय सेना का जवान भी पकड़ा गया, जिसने प्रेमिका को ‘कवर’ के रूप में इस्तेमाल किया।

कौन है भाविका चौधरी उर्फ भंवरी

 ताजा मामला सामने आया है जालौर जिले के चितलवाना से, जहां सिवाड़ा पुलिस चौकी ने कार्रवाई करते हुए एक महिला यात्री को 150 ग्राम एमडी (मेथाड्रोन) के साथ धर दबोचा। पकड़ी गई महिला की पहचान भाविका चौधरी उर्फ भंवरी के रूप में हुई है, जो सोशल मीडिया पर एक जानी-मानी इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर है और उसके इंस्टा पर 83 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं। भाविका, बाड़मेर से गुजरात जा रही थी और रोडवेज बस में सवार थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बस को रोका और तलाशी के दौरान उसके बैग से एमडी बरामद हुई। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह सोशल मीडिया के जरिए खुद को ग्लैमरस और सफर पसंद लड़की बताकर लोगों को प्रभावित करती थी, लेकिन असलियत में ड्रग्स नेटवर्क से जुड़ी हुई थी।

फौजी और उसकी ‘प्रेमिका’

दूसरी गिरफ्तारी: फौजी और उसकी ‘प्रेमिका’ कुछ दिन पहले ही एक और सनसनीखेज मामला सामने आया था, जब एक महिला इंफ्लुएंसर ‘देवी’ और एक भारतीय सेना का जवान को ड्रग्स के साथ पकड़ा गया। देवी और फौजी प्रेमी थे, और अफीम की तस्करी कर रहे थे। ताकि पुलिस को शक न हो, जवान ने अपनी प्रेमिका को साथ रखा, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।

राजस्थान पुलिस ने किए चौंकाने वाले खुलासे

सोशल मीडिया की चमक के पीछे काला सच इन दोनों मामलों ने सोशल मीडिया की चकाचौंध के पीछे छिपे अंधेरे और अपराध की परतों को उजागर कर दिया है। जहां एक तरफ लाखों फॉलोअर्स का भ्रमजाल और ब्रांडिंग है, वहीं दूसरी ओर ड्रग्स का अवैध व्यापार, धोखे और झूठ की दुनिया है।

सोशल मीडिया यूजर के लिए यह बड़ा सबक

पुलिस अलर्ट, आने वाले समय में हो सकते हैं और खुलासे पुलिस का मानना है कि ये दोनों महिलाएं किसी बड़े ड्रग नेटवर्क का हिस्सा हो सकती हैं, और इनकी गिरफ्तारी से आगे और भी नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल पुलिस सोशल मीडिया और कॉल रिकॉर्ड खंगालकर नेटवर्क की पूरी चेन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

सोशल मीडिया पर ‘इंफ्लुएंसर’ की चकाचौंध देखकर आंखें बंद कर लेने वाले अब सतर्क हो जाएं। क्योंकि फॉलोअर्स की संख्या अब चरित्र की गारंटी नहीं, बल्कि जांच का आधार बनने लगी है।