सार
रींगस. सीकर जिले में बाबा खाटूश्याम का विश्व प्रसिद्ध फाल्गुन लक्खी मेला इस वर्ष 28 फरवरी से 11 मार्च तक आयोजित होगा। मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में कई बदलाव किए हैं। इस बार वीआईपी दर्शन पूरी तरह से बंद रहेंगे, केवल सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को ही विशेष अनुमति दी जाएगी।
सुगम दर्शन के लिए क्यूआर कोड की सुविधा
श्रद्धालुओं को मंदिर तक आसानी से पहुंचाने के लिए इस बार क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। यह कोड स्कैन कर भक्त मंदिर परिसर तक का मार्ग आसानी से जान सकेंगे। इसके अलावा ट्रैफिक और पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
सीकर-रींगस रोड पर यातायात और पार्किंग व्यवस्था
1. सीकर-रींगस रोड पर मंडा मोड़ के पास छोटे वाहनों के लिए बड़ी पार्किंग विकसित की जाएगी। यहां से बसों द्वारा श्रद्धालुओं को 52 बीघा पार्किंग तक लाया जाएगा।
2. 52 बीघा पार्किंग का उपयोग केवल मिनी बसों के लिए किया जाएगा, अन्य बड़े वाहनों को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी।
3. छोटे वाहनों का खाटू मोड़ से मंदिर तक आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
4. ई-रिक्शा चालकों के लिए अलग-अलग जोन और पास जारी किए जाएंगे। बिना पास वाले ई-रिक्शा जब्त किए जाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं
1. भंडारा लगाने का समय निर्धारित किया जाएगा और इसके लिए शुल्क लिया जाएगा, जिसका उपयोग मेले के बाद सफाई और अन्य कार्यों में किया जाएगा।
2. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में 8 फीट से अधिक ऊंचाई के निशान ले जाने पर रोक लगाई गई है।
3. कांटेदार गुलाब, कांच की छोटी बोतलें और इत्र की कांच की बोतलें बेचने पर प्रतिबंध रहेगा।
4. पूरे मेले की सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। इसके लिए चार मॉनिटरिंग सेंटर बनाए जाएंगे—मंदिर परिसर, मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय, कंट्रोल रूम खाटू और कंट्रोल रूम सीकर।
5. रींगस रोड से डीजे और शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
6. होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं में कुछ कमरे प्रशासन के लिए आरक्षित रहेंगे।
7. मेडिकल यूनिट्स और इमरजेंसी सुविधाओं को मजबूत किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
8. अग्निशमन और एंबुलेंस के लिए अलग इमरजेंसी रोड बनाई जाएगी।
प्रशासन ने की अपील
जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और दर्शन के लिए निश्चित समय में ही आएं। मेले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मंदिर समिति के सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट पर साझा की जाएंगी।
इस बार की नई व्यवस्थाओं के साथ उम्मीद है कि बाबा खाटूश्याम का लक्खी मेला श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित रहेगा।