सार

अजमेर में एक 12वीं पास युवक को फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक सीज कर दिया है और मामले की जांच जारी है।

अजमेर (राजस्थान). अजमेर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने एक फर्जी डॉक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। यह व्यक्ति केवल 12वीं पास था, लेकिन खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहा था। इतना ही नहींए वह मरीजों को दवाइयां लिखने के साथ.साथ ड्रिप तक चढ़ा रहा था, जिससे कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।

स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने इस फर्जी क्लीनिक पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान आरोपी के पास से एक फर्जी मेडिकल डिग्री बरामद हुई, जिसे वह अपनी पहचान के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। इसके अलावा क्लीनिक में बड़ी मात्रा में नकली और बिना लाइसेंस की दवाइयां भी मिलीं, जिन्हें तुरंत जब्त कर लिया गया।

क्लीनिक सीज, मामले की गहराई से जांच जारी

स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी के क्लीनिक को तुरंत सीज कर दिया और यह जांच शुरू कर दी कि उसे ये दवाइयां और चिकित्सा उपकरण कहां से मिल रहे थे। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी कई महीनों से बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था।

अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर प्रशासन सख्त

इस घटना के बाद चिकित्सा विभाग और प्रशासन ने अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। आम जनता से अपील की गई है कि यदि उन्हें किसी भी संदेहास्पद डॉक्टर की जानकारी मिलेए तो वे तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें।

जनता को सतर्क रहने की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग ने जनता को आगाह किया है कि इलाज कराने से पहले हमेशा डॉक्टर की योग्यता और उनकी डिग्री की जांच करें। ऐसे फर्जी डॉक्टरों के कारण मरीजों की जान को खतरा हो सकता है। इसलिएए किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को देंए ताकि ऐसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।