सार

कैलिफोर्निया में पढ़ाई कर रही नीलम शिंदे सड़क हादसे के बाद कोमा में हैं। परिवार ने अमेरिकी वीजा के लिए मदद मांगी है ताकि वे नीलम के ऑपरेशन के लिए अनुमति दे सकें।

Nilam Tanaji Shinde Accident in US: महाराष्ट्र के सतारा जिले की नीलम तानाजी शिंदे पढ़ने के लिए अमेरिका गई थी। वह सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद US के कैलिफोर्निया के एक अस्पताल में अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। नीलम कोमा में हैं। उसके परिवार ने केंद्र सरकार से तुरंत अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में मदद मांगी है। डॉक्टरों को नीलम के ऑपरेशन के लिए उनके परिजनों की अनुमति की आवश्यकता है। नीलम के पिता तानाजी शिंदे के अनुसार नीलम हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं थीं। वह कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष की छात्रा थीं।

नीलम के सिर और छाती में लगी गंभीर चोट

नीलम शिंदे के परिवार के अनुसार हादसा 14 फरवरी की शाम को हुआ। नीलम शाम को सैर के लिए निकलीं थीं तभी किसी कार ने पीछे से उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर के बाद कार ड्राइवर गाड़ी लेकर भाग निकला। हादसे में नीलम के दोनों हाथ, पैर, सिर और छाती में गंभीर चोटें आईं। हादसे के बाद नीलम को कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो स्थित सी डेविस मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया। उसका इलाज ICU में चल रहा है।

नीलम शिंदे कौन हैं?

35 साल की नीलम शिंदे मूल रूप से महाराष्ट्र के सतारा के उम्ब्राज गांव की हैं। वह कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी में मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) की अंतिम वर्ष की छात्रा है। वह पिछले चार साल से अमेरिका में रह रही हैं।

यह भी पढ़ें- शिपिंग और लॉजिस्टिक्स से बदलेगी भारत की तस्वीर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिए बड़े संकेत

नीलम शिंदे के परिवार ने वीजा के लिए मांगी मदद

नीलम शिंदे के माता-पिता को हादसे के दो दिन बाद घटना की जानकारी मिली। इसके बाद वे अमेरिका जाने के लिए मेडिकल इमरजेंसी वीजा मांग रहे हैं। उनका परिवार इस घटना में शामिल ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहता है। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने अमेरिका के सामने नीलम शिंदे के परिवार को जल्द वीजा देने का मामला उठाया है। सूत्रों के अनुसार अमेरिका आवेदक के परिवार को जल्दी वीजा देने पर विचार कर रहा है।

अमेरिकी अधिकारियों ने नीलम शिंदे के पिता को इमरजेंसी वीजा इंटरव्यू के लिए समय दिया है। इंटरव्यू शुक्रवार सुबह 9 बजे मुंबई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में होगा। इसके बाद उन्हें वीजा मिल सकेगा।

यह भी पढ़ें- फिक्सर बर्दाश्त नहीं...फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला, समर्थन में संजय राउत