सार

पुणे में दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी GBS के 73 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 14 लोग वेंटिलेटर पर हैं। यह बीमारी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और इसके लक्षणों में कमजोरी, सुन्नता और पक्षाघात शामिल हैं।

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में GBS (Guillain Barre Syndrome) नाम की बीमारी का खौफ फैल गया है। यह एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है। इसका इलाज किया जा सकता है। पुणे में शुक्रवार तक 73 लोग इस बीमारी के शिकार हुए हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से 14 वेंटिलेटर पर हैं। अभी तक GBS से किसी की मौत की रिपोर्ट नहीं आई है।

क्या है गिलियन बैरे सिंड्रोम?

गिलियन बैरे सिंड्रोम दुर्लभ बीमारी है। इसके चलते कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात हो सकता है। यह बीमारी में इंसान का इम्यून सिस्टम तंत्रिकाओं को टारगेट करता है। हाथों और पैरों में कमजोरी और झुनझुनी इसके पहले लक्षण हैं। बीमारी का सटीक कारण पता नहीं है। बीमारी का कोई ज्ञात इलाज नहीं है। इसमें इलाज लक्षणों को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर होता है ताकि मरीज जल्दी ठीक हो सके।

क्या हैं गिलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण?

  • उंगलियों, टखनों या कलाई में सुई चुभने जैसा एहसास
  • पैरों में कमजोरी, यह शरीर के ऊपरी हिस्से तक फैल जाती है
  • मूत्राशय पर नियंत्रण या आंत्र क्रिया में परेशानी
  • तेज हृदय गति
  • निम्न या उच्च रक्तचाप
  • चलने में परेशानी, सीढ़ियां नहीं चढ़ पाना
  • चेहरे की हरकतों में परेशानी, बोलने, चबाने या निगलने में दिक्कत
  • आंखों को हिलाने में परेशानी
  • दर्द, चुभन या ऐंठन जैसा महसूस होना, रात में दर्द बढ़ जाता है
  • सांस लेने में परेशानी

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किस वजह से होता है गिलियन बैरे सिंड्रोम?

  • गिलियन बैरे सिंड्रोम का सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। माना जाता है कि नीचे दी गई कुछ स्थितियों के चलते यह बीमारी हो सकती है।
  • कैम्पिलोबैक्टर से संक्रमण
  • इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण
  • साइटोमेगालोवायरस का संक्रमण
  • एपस्टीन-बार वायरस का संक्रमण
  • हॉजकिन लिंफोमा
  • जीका वायरस का संक्रमण
  • हेपेटाइटिस ए, बी, सी और ई
  • एचआईवी (इस वायरस के चलते एड्स होता है)
  • माइकोप्लाज्मा निमोनिया
  • सर्जरी
  • आघात
  • COVID-19 वायरस का संक्रमण