सार
WAVES 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित WAVES 2025 में फिल्म जगत के दिग्गजों को संबोधित किया। WAVES (World Audio Visual & Entertainment Summit) का आयोजन सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने किया है। पढ़ें पीएम की 10 बड़ी बातें...
1-"WAVES (World Audio Visual And Entertainment Summit) सिर्फ एक संक्षिप्त रूप नहीं है। ये एक वेव है- कल्चर की, क्रिएटिविटी की, यूनिवर्सल कनेक्ट की। "
2- "आज 1 मई है। आज से 112 साल पहले 3 मई 1913 को भारत में पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज हुई थी। इसके निर्माता दादासाहेब फाल्के थे। कल उनकी जन्मजयंती थी। बीती एक सदी में भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के कोने-कोने में ले जाने में सफलता पाई है।"
3-"ये क्रिएट इन इंडिया, क्रिएट फोर द वर्ल्ड का सही समय है। आज जब दुनिया कहानी कहने के नए तरीके ढूंढ रही है... तब भारत के पास हजारों वर्षों की अपनी कहानियों का खजाना है। ये खजाना टाइमलेस है, विचार को उत्तेजित करने वाला और सच में वैश्विक है।"
4- "भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। फिनटेक अपनाने की दर में भारत पहले स्थान पर है। भारत दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक है। दुनिया में भारत के पास तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। विकसित भारत की हमारी यात्रा शुरू हो गई है।"
5- “ये भारत में ऑरेंज इकोनॉमी का उदय काल है। कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर, ये ऑरेंज इकोनॉमी की तीन धुरी हैं। भारतीय फिल्में अब दुनिया के कोने-कोने में पहुंच रहीं हैं। आज 100 से अधिक देशों में भारतीय फिल्में रिलीज होती हैं। इसलिए आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक इंडियन कंटेंट को देख रहे हैं।”
6- "आज भारत फिल्म प्रोडक्शन, डिजिटल कंटेंट, गेमिंग, फैशन और म्यूजिक का ग्लोबल हब बन रहा है। लाइव कंसर्ट्स से जुड़ी इंडस्ट्री के लिए अनेक संभावनाएं हमारे सामने हैं। आज ग्लोबल एनिमेशन मार्केट का साइज 430 बिलियन डॉलर से ज्यादा का है। अनुमान है कि अगले 10 सालों में ये दोगुना हो सकता है। ये भारत की एनिमेशन और ग्राफिक इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा अवसर है।"
7- "भारत बिलियन प्लस आबादी के साथ-साथ बिलियन प्लस कहानी का भी देश है।"
8- "स्क्रीन साइज भले छोटा हो रहा हो पर दायरा अनंत है। स्क्रीन माइक्रो होती जा रही है पर मैसेज मेगा होता जा रहा है।"
9- "हम सब देख रहे हैं कि 21वीं सदी में हर व्यक्ति के जीवन में टेक्नोलॉजी का रोल बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मानवीय संवेदनाओं को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत है। हमें इंसान को रोबोट नहीं बनने देना है। हमें इंसान को अधिक से अधिक संवेदनशील बनाना है। उसे समृद्ध करना है। इंसान की समृद्धि सूचना के पहाड़ से नहीं आएगी। ये टेक्नोलॉजी की स्पीड और रीच से भी नहीं आएगी। इसके लिए हमें गीत, संगीत, कला, नृत्य को महत्व देना होगा। हजारों सालों से ये मानवीय संवेदनाओं को जगाए हुए है। हमें इसे और मजबूत करना है।"
10- "आज हमारी युवा पीढ़ी को कुछ मानवता विरोधी विचारों से बचाने की जरूरत है। WAVES ऐसा मंच है जो यह काम कर सकता है। अगर इस जिम्मेदारी से हम पीछे हट गए तो युवा पीढ़ी के लिए बहुत घातक होगा।"