मुंबई। महाराष्ट्र में बुधवार को एनसीपी के दो गुटों (अजित पवार गुट और शरद पवार गुट) द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया गया। अजित पवार गुट की बैठक बांद्रा के मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट (एमईटी) परिसर में हुई। इसमें अजित पवार अपने चाचा शरद पवार पर जमकर बरसे। अजीत पवार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चाचा शरद पवार को एनसीपी अध्यक्ष पद से भी हटा दिया है।
शरद पवार को एनसीपी अध्यक्ष पद से हटाया
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विद्रोही गुट ने शरद पवार को एनसीपी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। पिछले दो दशकों से अधिक समय से वे पार्टी के चीफ रहे। बगावत करने वाले गुट के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में भी इसका उल्लेख किया है। अजित पवार ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा ठोंक दिया है।
अजित पवार ने वृद्ध होने के बाद भी राजनीति से रिटायर नहीं होने के लिए शरद पवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप 83 साल के हो गए हैं। कब रिटायर होंगे? कुर्सी से ऐसा मोह क्यों है? अब आपको सिर्फ आशीर्वाद देना चाहिए। नए लोगों को आगे आने और काम करने का मौका दीजिए।
अजित पवार ने शरद पवार से कहा- अब कीजिए आराम
अजित पवार ने कहा, "आपने मुझे सबके सामने विलेन के रूप में दिखाया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) लिए गहरा सम्मान है। लेकिन आप मुझे बताएं, आईएएस अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। राजनीति में भी बीजेपी नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। आप (शरद पवार) हमें अपना आशीर्वाद दें। आप 83 वर्ष के हैं। क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आप लंबी उम्र जिएं।"
उन्होंने हाल ही में पटना में हुए विपक्षी दलों की बैठक पर भी बात की। इस बैठक में शरद पवार भी शामिल हुए थे। अजित पवार ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता जुटे, साथ खाना खाया और फिर अपने-अपने रास्ते चले गए। इस तरह की कोशिश कामयाब नहीं होगी। 2024 में फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत तय है।
2004 में कांग्रेस को नहीं देना चाहिए था सीएम पद
अजित पवार ने कहा कि 2004 के विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में एनसीपी का मुख्यमंत्री होता, लेकिन शरद पवार ने यह पद कांग्रेस को दे दिया। उन्होंने कहा, "2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से अधिक विधायक थे। उस वक्त हमें कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं देना चाहिए था। उस वक्त महाराष्ट्र में सिर्फ एनसीपी का मुख्यमंत्री होना चाहिए था।"
2017 में बीजेपी आलाकमान से मिले थे शरद पवार
अजित पवार ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि 2017 में शरद पवार बीजेपी आलाकमान से मिले थे। उन्होंने कहा कि शरद पवार शिवसेना के साथ सरकार बनाना नहीं चाहते थे। अजित पवार ने दावा किया कि उन्हें समर्थन देने का वादा करने वाले कई विधायक बैठक में नहीं आए। वाईबी चव्हाण केंद्र (जहां शरद पवार गुट की बैठक हुई) में मौजूद कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं।
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एनसीपी में बगावत कर उपमुख्यमंत्री बने हैं अजित पवार
गौरतलब है कि अजित पवार ने रविवार को एनसीपी में बगावत किया था। इसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया। उनके समर्थक आठ विधायकों को मंत्री बनाया गया है। अजित पवार गुट का दावा है कि एनसीपी के 40 से अधिक विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं।
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