Mumbai Minor Rape Case: मुंबई में नाबालिग लड़कियों को कथित तौर पर सॉफ्ट ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर यौन शोषण और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में 45 वर्षीय व्यक्ति को विरार से गिरफ्तार किया गया। पुलिस कई पीड़ितों की जांच कर रही है।
Mumbai Police Investigation: मुंबई से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस के मुताबिक, एक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने नाबालिग लड़कियों को सॉफ्ट ड्रिंक में नींद की गोलियां मिलाकर पिलाईं, जिससे वे बेहोश हो गईं। इसके बाद उनके साथ कथित तौर पर गंभीर अपराध किया गया। यही नहीं, आरोपी पर अश्लील वीडियो बनाकर पीड़िताओं को धमकाने का भी आरोप है। इस मामले में मुंबई पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी कौन है और कहां से गिरफ्तार हुआ?
कुरार पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी की पहचान महेश रमेश पवार (45 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे मुंबई के दूरस्थ उपनगर विरार से गिरफ्तार किया। खास बात यह है कि शिकायत दर्ज होने के महज छह घंटे के भीतर पुलिस ने उसे पकड़ लिया, जिसे त्वरित कार्रवाई माना जा रहा है।
सॉफ्ट ड्रिंक के बहाने कैसे फंसाता था आरोपी?
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी पहले लड़कियों से बातचीत कर उनका भरोसा जीतता था। इसके बाद वह उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक पिलाने का बहाना बनाता था। आरोप है कि उसी ड्रिंक में वह नींद की गोलियां मिला देता था। जब लड़कियां बेहोश हो जाती थीं, तब आरोपी कथित तौर पर अपराध को अंजाम देता था।
बेहोशी के बाद क्या करता था आरोपी?
पुलिस के अनुसार, पीड़िताओं के बेहोश होने के बाद आरोपी ने उनके साथ यौन उत्पीड़न किया और इस दौरान वीडियो भी रिकॉर्ड किए। ये वीडियो बाद में एक तरह का हथियार बन गए। आरोपी पर आरोप है कि वह इन वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़िताओं को डराता और ब्लैकमेल करता था।
ब्लैकमेलिंग का डर क्यों बना रहा पीड़ितों को चुप?
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी वीडियो के जरिए पीड़िताओं को लगातार धमकाता था। इसी डर के कारण कई पीड़ित लंबे समय तक सामने नहीं आ सकीं। पुलिस का मानना है कि इसी वजह से इस मामले में पीड़ितों की संख्या ज्यादा हो सकती है।
कितनी नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाने की आशंका?
पुलिस को शक है कि आरोपी ने अब तक 8 से 10 नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया हो सकता है। फिलहाल पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है और अन्य संभावित पीड़ितों की पहचान की जा रही है।
पुलिस जांच में अब क्या-क्या हो रहा है?
पुलिस आरोपी के मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस और अन्य सबूतों की जांच कर रही है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वीडियो कहां-कहां भेजे गए या स्टोर किए गए। साथ ही यह जांच भी जारी है कि आरोपी अकेले काम कर रहा था या किसी और की भूमिका भी इसमें थी।
यह मामला क्यों बेहद गंभीर माना जा रहा है?
यह मामला सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि नाबालिगों की सुरक्षा, भरोसे और समाज में बढ़ते खतरे की ओर इशारा करता है। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में सतर्कता, समय पर शिकायत और जागरूकता बेहद जरूरी है। जांच आगे बढ़ने के साथ पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी हो, तो वह सामने आए।


