मुंबई में एक अविवाहित जोड़े ने नवजात बच्चे को अनाथालय के पास छोड़ दिया, साथ में एक भावुक ख़त भी, जिसमें लिखा था, "माफ़ करना बच्चे"। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से माता-पिता का पता लगा लिया।

जिनके बच्चे नहीं होते, वो तरसते हैं और जिनके होते हैं, वो पालने की चिंता में रहते हैं। मुंबई में एक अविवाहित जोड़े ने अपने नवजात बच्चे को एक अनाथालय के पास छोड़ दिया, साथ में एक भावुक ख़त भी छोड़ा जिसमें लिखा था, "माफ़ करना बच्चे"। उन्हें डर था कि समाज उन्हें कलंकित करेगा।

शनिवार सुबह पनवेल के एक अनाथालय के बाहर फुटपाथ पर एक नवजात बच्चा मिला। बच्चे को कंबल में लपेटकर एक प्लास्टिक की टोकरी में रखा गया था। टोकरी में बच्चे का खाना, दूध की बोतल और कपड़े भी थे। साथ में एक अंग्रेजी में लिखा छोटा सा भावुक पत्र भी था, जिसमें लिखा था, "तुम्हें छोड़ने के लिए माफ़ करना बच्चे।" पत्र में लिखा था, "हम तुम्हें पालने के लिए आर्थिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं। हम तुम्हारे आस-पास ही रहेंगे और शायद एक दिन तुम्हें लेने आएँगे। अभी तुम्हें यहाँ छोड़ने के लिए माफ़ करना।"

अभी बच्चे की देखभाल अलीबाग के वात्सल्य चैरिटेबल ट्रस्ट के कर्मचारी कर रहे हैं। पनवेल पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बच्चे के माता-पिता का पता लगाया

मामला दर्ज करने के बाद, पुलिस ने कई सीसीटीवी फुटेज देखे और रविवार को बच्चे के माता-पिता का पता लगा लिया। पुलिस ने बच्चे के पिता की पहचान 23 वर्षीय अमन कोंडकर के रूप में की, जो बिवांडी का रहने वाला है, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है और बेरोज़गार है। उसने पुलिस को बताया कि वो मुंब्रा में रहने वाली अपनी एक दूर की रिश्तेदार, 20 वर्षीय युवती से प्यार करता था।

उनके परिवार वाले उनके रिश्ते के ख़िलाफ़ थे। युवती गर्भवती हो गई और उसने मुंब्रा के एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। सहायक पुलिस आयुक्त अजय लांडगे ने बताया कि इस जोड़े ने निजी अस्पताल में दावा किया था कि उन्होंने शादी कर ली है।

जोड़ा कार से आया था, जिससे पुलिस को उनकी गाड़ी का नंबर पता चल गया और उन्हें ढूंढने में मदद मिली। स्थानीय सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस को मदद मिली। एक अधिकारी ने बताया कि एक सीसीटीवी फुटेज में बुर्का पहने एक महिला प्लास्टिक की टोकरी में बच्चे को स्वप्नल बालिका अनाथालय के बाहर फुटपाथ पर रखकर जाती हुई दिख रही है।

अभी बच्चे की देखभाल एक चैरिटेबल ट्रस्ट कर रहा है। राज्य बाल कल्याण समिति तय करेगी कि बच्चे को उसके माता-पिता को सौंपा जाए या नहीं। महिला ने कहा है कि उसे अपने किए पर पछतावा है और वो अगले दिन बच्चे को वापस लेने का फैसला किया था। पनवेल पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक नितिन ठाकरे ने कहा कि अभी यह पुष्टि होना बाकी है कि दोनों ने शादी की है या नहीं।

बच्चे को छोड़ने के लिए इस जोड़े के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने उन्हें जाँच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया है।

मनोचिकित्सक डॉ. प्रियंका महाराज ने कहा कि अगर शादी से पहले बच्चा हो जाता है, तो समाज की नज़र में लड़की कलंकित हो जाती है और उस पर सामाजिक दबाव होता है कि वो इस कलंक से मुक्त हो। वहीं, माँ और बच्चे के बीच के प्राकृतिक बंधन के कारण माँ को अपराधबोध और पछतावा होता है।