Malabar Gold controversy: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालाबार गोल्ड को पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर विवाद में राहत दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आपत्तिजनक पोस्ट हटाने और समान सामग्री पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया।
मुंबई। मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स (Malabar Gold & Diamonds) हाल ही में एक बड़े विवाद में फंस गया था। लंदन में प्रचार के लिए नियुक्त पाकिस्तानी इन्फ्लुएंसर अलिश्बा खालिद के कारण सोशल मीडिया पर ब्रांड पर “भारत विरोधी” आरोप लगे। विवाद बढ़ने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने ब्रांड को राहत दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को आपत्तिजनक पोस्ट हटाने और समान सामग्री प्रकाशित न करने का आदेश दिया। मालाबार गोल्ड ने साफ किया कि उन्हें उस समय खालिद की राष्ट्रीयता और राजनीतिक विचारों की जानकारी नहीं थी। बाद में कंपनी ने तुरंत खालिद के साथ संबंध तोड़ दिए। अदालत ने ब्रांड की प्रतिष्ठा और कारोबार को नुकसान से बचाने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया।
Malabar Gold–London Influencer: मामला क्या है?
ब्रांड का कहना है कि त्योहारी सीजन से पहले इस मुद्दे को तूल देकर उनकी प्रतिष्ठा और कारोबार को नुकसान पहुँचाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता नौशाद इंजीनियर ने अदालत को बताया कि किसी इन्फ्लुएंसर की सेवाओं का उपयोग मानहानि के दावे को उचित नहीं ठहरा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि मालाबार गोल्ड ने विवाद बढ़ने के बाद खालिद से नाता तोड़ लिया है।
विवाद कैसे बढ़ा?
अलिश्बा खालिद की भारत आलोचनात्मक टिप्पणियों के कारण सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया हुई। कई उपयोगकर्ताओं ने ब्रांड को भारत विरोधी भावनाओं से जोड़ दिया। वायरल हुए वीडियो और पोस्ट ने ब्रांड की प्रतिष्ठा को खतरे में डाल दिया।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया?
न्यायमूर्ति संदीप मार्ने ने मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), एक्स (पूर्व में ट्विटर), गूगल (यूट्यूब) और कुछ मीडिया एजेंसियों को आपत्तिजनक पोस्ट हटाने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि प्रभावशाली व्यक्ति से संबंधित कोई भी समान मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित नहीं की जाएगी। अदालत ने पाया कि मालाबार गोल्ड ने प्रतिष्ठा को होने वाले नुकसान से सुरक्षा के लिए मजबूत मामला पेश किया है।
मालाबार गोल्ड ने क्या किया?
कंपनी ने तुरंत खालिद से संबंध तोड़ दिए और अदालत में कहा कि वह किसी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं है। यह कदम ब्रांड की सुरक्षा और विश्वास बहाल करने के लिए उठाया गया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी क्या है?
आदेश के तहत प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया गया कि वे किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट या वीडियो को हटाएं और भविष्य में समान सामग्री की अनुमति न दें। इससे मालाबार गोल्ड की प्रतिष्ठा सुरक्षित बनी।
