सार

महाराष्ट्र के दिग्गज NCP नेता छगन भुजबल ने लंबे इंतजार के बाद फिर से मंत्री पद की शपथ ली। राजनीतिक सस्पेंस और गठबंधन के बीच उनकी वापसी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। अब सबकी नजरें उनके नए विभाग पर टिकी हैं।

Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल मच गई है। 20 मई 2025 को राजभवन में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार ने कई राजनीतिक समीकरणों को बदला है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल रहे बड़े नेता

शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के राजभवन में सुबह 10 बजे आयोजित हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और एनसीपी के नेता अजीत पवार भी मौजूद थे। राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने छगन भुजबल को मंत्री पद की शपथ दिलाई।

 

 

राजनीतिक वापसी के पीछे की कहानी

77 वर्षीय छगन भुजबल को दिसंबर 2024 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में नजरअंदाज कर दिया गया था, जिससे राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं हुईं। उनके समर्थकों ने इस बहिष्कार को लेकर आवाज उठाई थी। मार्च 2025 में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद भुजबल को फिर से कैबिनेट में शामिल किया गया।

भाजपा-शिवसेना-एनसीपी महायुति गठबंधन में महत्त्वपूर्ण कदम

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल की वापसी को महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता और महायुति गठबंधन के मजबूत होने की दिशा में अहम माना जा रहा है। उनके पोर्टफोलियो का ऐलान जल्द ही मुख्यमंत्री फडणवीस करेंगे।

 

 

भुजबल का राजनीतिक सफर और भविष्य की संभावनाएं

छगन भुजबल का राजनीतिक सफर कई दशकों और पदों से भरा रहा है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री सहित कई बड़े पदों पर कार्य किया है। उनकी वापसी से महाराष्ट्र की राजनीति में नए दौर की शुरुआत हो सकती है, जो आगामी चुनावों और गठबंधन पर गहरा प्रभाव डालेगी।

पोर्टफोलियो की प्रतीक्षा में सियासी चर्चाएं

शपथ ग्रहण के बाद भुजबल को कौन सा विभाग मिलेगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथ में है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।