सार

मुंबई में एक 4 महीने की बच्ची को कोई अपनाने को तैयार नहीं है। बच्ची HIV पॉजिटिव है और उसकी मां ने एक मुस्लिम महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल करके उसे जन्म दिया था। अब मुस्लिम महिला भी उसे अपनाने से इनकार कर रही है।

Mumbai Baby Girl: महाराष्ट्र के मुंबई से एक दिल दुखाने वाली खबर सामने आई है। यहां 4 महीने की एक बच्ची को कोई अपनाने को तैयार नहीं है। चार महीने पहले KEM हॉस्पिटल में एक हिंदू महिला ने उसे जन्म दिया था, लेकिन उसने अपने आधारकार्ड की जगह एक मुस्लिम महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। वह मुस्लिम महिला बच्ची को गोद लेना चाहती थी।

मुस्लिम महिला दूसरा बच्चा चाहती थी। दूसरी बार प्रेगनेंट होने के बाद उसका गर्भपात हो गया था। दूसरी ओर हिंदू महिला गर्भवती थी, लेकिन बच्चा पैदा नहीं करना चाहती थी। उसका पति ड्रग एडिक्ट है। इसलिए दोनों महिलाओं के बीच सौदा हुआ कि हिंदू महिला बच्चे को जन्म देगी और मुस्लिम महिला के पहचान का इस्तेमाल करेगी। इससे मुस्लिम महिला के लिए बिना खास परेशानी के बच्चा गोद लेना संभव हो जाता।

बच्ची के एचआईवी पॉजिटिव होने की बात जान मुस्लिम महिला ने किया अपनाने से इनकार

पहले से तय डील के अनुसार हिंदू महिला ने बच्ची को जन्म दिया और अपनी पहचान के लिए मुस्लिम महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। डील के अनुसार बच्ची मुस्लिम महिला को मिल गई। बच्ची बीमार पड़ी तो जनवरी में उसे वाडिया हॉस्पिटल में लाया गया। यहां टेस्ट के बाद पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। इतना जानने के बाद मुस्लिम महिला ने उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

बच्ची को इलाज के लिए कलवा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों महिलाओं के खिलाफ महिला एवं बाल कल्याण विभाग की शिकायत पर केस दर्ज कराया गया है।

हिंदू महिला नहीं चाहती थी बच्चा

पुलिस ने बताया कि बच्ची की मां और मुस्लिम महिला कल्याण के एक ही मोहल्ले में रहती हैं। गर्भवती होने के छह महीने बाद महिला ने मुस्लिम महिला से कहा कि वह बच्चा नहीं चाहती। इसके बाद मुस्लिम महिला ने बच्चे को गोद लेने की पेशकश की। मुस्लिम महिला के पहचान पत्र का इस्तेमाल करते हुए हिंदू महिला ने अक्टूबर 2024 में केईएम अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। मुस्लिम लड़की के नाम से जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया था। मुस्लिम महिला को उसकी मां बताया गया था।

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अस्पताल से छुट्टी मिलने के 5 दिन बाद मुस्लिम महिला बच्ची को घर ले गई। इस साल जनवरी में वाडिया अस्पताल में बच्ची की अपेंडिसाइटिस सर्जरी हुई। पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। इसके बाद मुस्लिम महिला को एचआईवी टेस्ट के लिए ले जाया गया। बच्ची के एचआईवी संक्रमित होने की बात पता चलने पर मुस्लिम महिला ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया। उसने बताया कि उसे बच्ची किस तरह मिली थी।

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