सार

MP के उज्जैन पुलिस ने Ghibli Art ट्रेंड को लेकर साइबर अपराधियों से बचने के लिए चेतावनी जारी की है। AI से बदलें अपनी तस्वीरें, लेकिन जानिए इससे जुड़ा खतरनाक साइबर खतरा! पढ़ें पूरी कहानी, क्या है सावधानियां?

Ghibli Art Alert: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है — Ghibli Art Style AI Image Generator. लोग अपनी और अपने परिजनों की तस्वीरों को जापानी एनिमेशन स्टाइल में बदलकर शेयर कर रहे हैं। देखने में यह मज़ेदार लग सकता है, लेकिन उज्जैन पुलिस की मानें तो यह ट्रेंड साइबर अपराधियों का नया हथियार भी बनता जा रहा है।

क्या है SP उज्जैन की चेतावनी?

उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने इस ट्रेंड को लेकर एक साइबर एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई ट्रेंड इंटरनेट पर वायरल होता है, साइबर अपराधी उस पर सक्रिय हो जाते हैं। Ghibli Art भी अब उन्हीं में से एक है।

घिबली इमेज से कैसे होता है खतरा? 

लोगों द्वारा AI ऐप्स या वेबसाइट्स के ज़रिए अपनी तस्वीरें बदलने की प्रक्रिया में वे अनजाने में फेक ऐप्स, वेबसाइट्स या APK फाइलें डाउनलोड कर लेते हैं। एसपी शर्मा के मुताबिक, ये फर्जी टूल्स आपके मोबाइल से निजी डेटा, फोटो, कॉन्टैक्ट्स और बैंकिंग डिटेल्स चोरी कर सकते हैं। ये जानकारी ब्लैकमेल, फ्रॉड या अन्य साइबर अपराधों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

कौन-कौन बन रहा है निशाना? 

इस ट्रेंड का सबसे ज़्यादा असर युवाओं और सोशल मीडिया एक्टिव यूज़र्स पर पड़ रहा है, जो AI टेक्नोलॉजी को बिना किसी सुरक्षा जांच के इस्तेमाल कर रहे हैं। कई लोग अनजाने में वॉट्सऐप या टेलीग्राम के जरिए मिले लिंक या APK से Ghibli Image Generator डाउनलोड कर रहे हैं — जिससे उनका डिवाइस साइबर अटैक के लिए खुला दरवाज़ा बन जाता है।

घिबली आर्ट बनाते समय रखें ये सावधानियां

  1. ऐप डाउनलोड से पहले रिव्यू और सोर्स चेक करें 
  2. फॉरवर्डेड या अज्ञात APK फाइलें बिल्कुल न खोलें 
  3. केवल वेरिफाइड ऐप स्टोर या ऑफिशियल वेबसाइट्स से ऐप लें 
  4. अनजान या बिना पुष्टि किए लिंक पर क्लिक न करें 
  5. साइबर फ्रॉड की स्थिति में तुरंत पुलिस या 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें

AI आधारित Ghibli Art यूज करते समय सतर्कता जरूरी

AI आधारित Ghibli Art का ट्रेंड देखने में जितना आकर्षक है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है अगर आप सतर्क नहीं हैं। उज्जैन पुलिस की यह चेतावनी न केवल तकनीकी सावधानी का इशारा है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि अब साइबर अपराधी नई तकनीकों को बहुत तेज़ी से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए किसी भी वायरल ट्रेंड का हिस्सा बनने से पहले एक बार सोचिए – कहीं आपका डेटा दांव पर तो नहीं?