भोपाल, इंदौर। सोशल मीडिया पर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर पर विवादित पोस्ट शेयर करने के मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) की मुसीबत बढ़ गई है। मध्य प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर इस मामले को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस नेता पर गलत जानकारी फैलाकर समाज में तनाव पैदा करने का आरोप लगाया है। शिवराज सिंह ने कहा कि पूर्व आरएसएस प्रमुख ने जीवन भर सामाजिक मतभेदों को दूर करने और एक सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के लिए काम किया।

 

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इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने एक किताब के आधार पर "तथ्य साझा किए थे"। भाजपा उनकी पार्टी की आवाज को बंद नहीं कर सकती। गोलवलकर 1940 से 1973 तक आरएसएस के प्रमुख थे। वह सबसे अधिक समय तक आरएसएस के प्रमुख रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने किया था यह ट्वीट

दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक पेज की तस्वीर ट्वीट की थी। इसमें गोलवलकर को कोट करते हुए विवादित बातें लिखीं गई हैं। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी और प्रचार विभाग के प्रमुख सुनील अंबेकर ने आरोप लगाया है कि दिग्विजय ने फोटोशॉप्ड किए गए फर्जी तस्वीर को पोस्ट किया है। गोलवलकर ने कभी ऐसी बातें नहीं कहीं थी। उनके नाम पर सामाजिक वैमनस्यता पैदा करने वाली बातें शेयर की जा रही हैं।

राजेश जोशी की शिकायत पर दर्ज किया गया है केस

वकील और आरएसएस कार्यकर्ता राजेश जोशी की शिकायत के आधार पर शनिवार रात इंदौर में दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत तुकोगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। उनके खिलाफ धारा 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी), 500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) भी लगाए गए हैं।