सार

भारत भवन का रंगमंडल फिर से शुरू होगा और उसे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत भवन की 43वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की।

मध्यप्रदेश के लिए खुशखबरी है। भारत भवन का रंगमंडल फिर से शुरू होने जा रहा है। इतना ही नहीं, इस रंगमंडल को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का भी सहयोग मिलेगा। यह घोषणा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत भवन में की। वे 13 फरवरी को भारत भवन की 43वीं वर्षगांठ और राज्य शिखर सम्मान अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि ऐसे कलाकार हमारे बीच उपस्थित हैं। हमारा मध्यप्रदेश कला के इतिहास को अपने में समेटे हुए है। 64 कलाओं के ज्ञाता का मध्यप्रदेश से गहरा रिश्ता है।

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि विश्व विख्यात कुमार गंधर्व को प्रदेश ने पुर्नजन्म दिया। किशोर कुमार भी मध्यप्रदेश की धरती से ही हुए। वे अद्वितीय गायक-अभिनेता थे। उन्होंने कहा कि हम भारत भवन के रंगमंडल का फिर शुरू कर रहे हैं। रंगमंडल को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का भी सहयोग मिलेगा। मध्यप्रदेश सरकार विकास करने के लिए संकल्पित है। ये कलाकार प्रदेश की शान हैं। इन दिनों भोपाल नई दुल्हन की तरह सज रहा है। हम प्रदेश के विकास के लिए सभी तरह का निवेश लेकर आ रहे हैं।

भारत विश्व गुरू होगा- संस्कृति मंत्री इस मौके पर संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि सम्मान पाने वाले कलाकारों-साहित्यकारों ने शून्य से शिखर तक की यात्रा की है। आप अपने विषय के विद्वान हैं। हमारी संस्कृति महान है। हमारी संस्कृति विश्व को दिशा दिखाया करती था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत फिर विश्व गुरू होने जा रहा है। हमारे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पीएम मोदी का सपना पूरा करने के लिए संकल्पित हैं। साल 2047 में जब भारत विकसित होगा, उसमें प्रदेश का भी योगदान होगा। सीएम डॉ. यादव जीआईएस के माध्यम से प्रदेश में करोड़ों का निवेश लाएंगे। वे प्रदेश के विकास के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

इन कलाकारों-साहित्यकारों हुआ सम्मान हिन्‍दी साहित्‍य के लिए 2022 का डॉ. उर्मिला शिरीष (भोपाल), उर्दू साहित्‍य के लिए 2023 का महमूद अहमद सहर (उज्‍जैन), संस्‍कृत साहित्‍य के लिए 2022 का डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी (इंदौर), संस्‍कृत साहित्‍य के लिए 2023 का डॉ. गोविंद दत्‍तात्रेय गंधे (उज्‍जैन), शास्‍त्रीय संगीत के लिए 2022 का विदुषी कल्‍पना झोकरकर ( इंदौर), शास्‍त्रीय संगीत के लिए 2023 का विदुषी शाश्‍वती मण्‍डल (नई दिल्ली), शास्‍त्रीय नृत्‍य के लिए 2022 का मोहिनी मोघे ( जबलपुर), शास्‍त्रीय नृत्‍य के लिए 2023 का विदुषी भारती होम्‍बल (भोपाल), रूपंकर कलाएं के लिए 2022 का ईश्‍वरी रावल (इंदौर) , रूपंकर कलाएं के लिए 2023 का हरि भटनागर (बड़ौदा), नाटक के लिए 2022 का राग जोग (इंदौर), नाटक के लिए 2023 का सतीश दवे (उज्जैन), दुर्लभ वाद्य वादन के लिए 2023 का पं. सुनील पावगी ( ग्‍वालियर), जनजातीय एवं लोक कलाएं के लिए 2022 का रामसिंह उर्वेती (पाटनगढ़), जनजातीय एवं लोक कलाएं 2023 का कैलाश सिसोदिया ( धार) को अलंकृत किया गया। सभी कलाकारों-साहित्याकारों को सम्‍मान पट्टिका और दो- दो लाख रुपये की सम्‍मान राशि प्रदान की गई।