Raja Raghuvanshi Murder Mystery | सोनम के बाद अब उसका भाई गोविंद शक के घेरे में! रिटर्न टिकट, गहने और 15 लाख रुपये की सच्चाई क्यों छुपाई? क्या बहन के राज पर पर्दा डाल रहा है? जानिए इस केस का नया रहस्यभरा मोड़!
Raja Raghuvanshi Murder Mystery: राजा रघुवंशी मर्डर केस में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद अब नया शक उसकी तरफ नहीं, बल्कि उसके भाई गोविंद रघुवंशी की ओर मुड़ गया है। पुलिस जांच में कई ऐसे सवाल उभरे हैं जो दर्शाते हैं कि गोविंद कोई सेफ गेम तो नहीं खेल रहा?
बिना रिटर्न टिकट! हनीमून की ये प्लानिंग क्या थी पहले से तय?
राजा और सोनम अपने हनीमून के लिए शिलांग रवाना हुए थे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि रिटर्न टिकट बुक ही नहीं किया गया था।
क्या ये संयोग था या सोची-समझी साजिश?
गोविंद को बहन की हर गतिविधि की जानकारी रहती थी। फिर उसने यह बात राजा के परिजनों या पुलिस से क्यों नहीं साझा की? अगर उसे मालूम था कि टिकट नहीं बुक हुआ, तो यह खामोशी कई सवाल खड़े करती है।
क्या गोविंद को पता था कि सोनम शादी के सब गहने साथ ले गई?
राजा की मां ने यह दावा किया कि सोनम ने हनीमून पर शादी में मिले सारे गहने साथ ले लिए थे। यही नहीं, सोनम ने राजा को सोने की चेन पहनने का दबाव भी बनाया। ऐसे में सवाल उठता है – क्या गोविंद को इन गहनों की जानकारी नहीं थी? अगर थी, तो सोनम के लापता होने के बाद उसने यह बात कभी क्यों नहीं उठाई? क्या वह जानबूझकर इन तथ्यों को दबा रहा था?
बैंक अकाउंट में 15 लाख! फिर क्यों चुप रहा गोविंद?
सोनम के खाते में 15 लाख रुपये से अधिक की राशि थी और उसके पास एटीएम कार्ड भी था। परंतु, सोनम और राजा के लापता होने के दौरान न तो गोविंद ने बैंक स्टेटमेंट की जांच की मांग की, न ही अपनी फर्म के किसी व्यक्ति से जानकारी निकलवाई। ऐसा क्यों? क्या वह किसी सच्चाई से पुलिस का ध्यान भटका रहा था?
सहानुभूति या चाल? बार-बार राजा के घर क्यों पहुंच रहा गोविंद?
गोविंद लगातार राजा के घर जाकर हमदर्दी दिखा रहा है – कभी राजा की मां से मिलकर रो रहा है, कभी तर्पण करने उज्जैन जा रहा है, और यहां तक कि बिना बुलाए तेरहवीं में भी पहुंच गया। अब राजा के परिजनों को गोविंद का यह मेलजोल कृत्रिम और रणनीतिक लगने लगा है। उन्होंने गोविंद के नार्को टेस्ट की मांग भी कर दी है।
सोनम की मानसिक जांच रिपोर्ट: झूठी थ्योरी फेल
कुछ रिपोर्ट्स में यह थ्योरी सामने आई कि राज और सोनम भाई-बहन थे, जिसे गोविंद ने मीडिया में प्रचारित किया। इससे कोर्ट में सोनम के पक्ष में यह बात जा सकती थी कि वह मानसिक रूप से अस्थिर है।लेकिन शिलांग पुलिस ने सोनम की मानसिक जांच करवाई, और रिपोर्ट में वह मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ पाई गई। इससे गोविंद की थ्योरी पूरी तरह फेल हो गई।
गोविंद का जवाब या बहन को बचाने की रणनीति?
- सवाल 1: सोनम ने रिटर्न टिकट क्यों नहीं कराया, क्या आपको जानकारी थी?
- गोविंद: मेरी जानकारी में था कि टिकट राजा ने कराए थे।
- सवाल 2: 15 लाख की रकम को लेकर आपने चिंता क्यों नहीं जताई?
- गोविंद: वो बिजनेस का पैसा था। खाते से कुछ नहीं निकला।
- सवाल 3: राजा के घर बार-बार क्यों जा रहे हैं?
- गोविंद: मैं जांच के लिए तैयार हूं। मेरी बहन दोषी है तो सजा भुगते। मैं राजा के परिवार के साथ हूं।
पर्दे के पीछे की चालें या मासूम हमदर्दी?
अब सवाल यही है कि क्या गोविंद वाकई एक बेबस भाई है, जो अपनी बहन के अपराध से आहत है, या फिर वह एक चालाक शख्स है, जो सब जानता है लेकिन सब कुछ छुपा रहा है? इस केस की हर कड़ी खुलने के साथ गोविंद का रोल और रहस्यमयी होता जा रहा है। अब पुलिस की जांच ही उसकी भूमिका की दिशा और दशा तय करेगी।