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ये है मध्य प्रदेश की Treasure City, लगातार मिल रहा खजाना, आखिर कौन जमीन में दफन करके गया है?
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के दमोह के नीचे क्या कोई खजाना गड़ा है? हर जगह नहीं, लेकिन कई जगहों पर लोगों को दुर्लभ सिक्के मिल रहे हैं। फरवरी के बाद फिर एक घर की खुदाई में ब्रिटिश कालीन चांदी के सिक्के मिले हैं।
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दमोह. मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के दमोह के नीचे क्या कोई खजाना गड़ा है? हर जगह नहीं, लेकिन कई जगहों पर लोगों को दुर्लभ सिक्के मिल रहे हैं। फरवरी के बाद फिर एक घर की खुदाई में ब्रिटिश कालीन चांदी के सिक्के मिले हैं। ये सिक्के खुद एक लेबर कोतवाली पहुंचा था। हालांकि इससे पहले उसके मन में लालच भी आया था। मामला बड़ापुरा का है।
मध्य प्रदेश के दमोह में खजाने का रहस्य(Mystery of treasure in Damoh, Madhya Pradesh) चर्चा का विषय बना हुआ है। 18 अप्रैल को बड़ापुरा इलाके में एक मकान के लिए कॉलम खोदते समय ब्रिटिश कालीन 240 चांदी के सिक्के मिले।
चांदी के सिक्के एक लेबर को मिले थे। पहले वो उन्हें छुपाकर अपने घर ले गया। लेकिन रातभर उसे पकड़े जाने के डर से नींद नहीं आई, तो अगले दिन कोतवाली लेकर पहुंच गया।
कोतवाली थाना प्रभारी विजय राजपूत के अनुसार, ये चांदी के दुर्लभ सिक्के 19 अप्रैल को लेबल हल्ले अहिरवार पुलिस के पास लेकर आया था। कहा जा रहा है कि विक्टोरिया रानी वाला एक सिक्का 800 रुपए तक में बिकता है। यानी इन कुल सिक्कों की कीमत 1.92 लाख रुपए हो सकती है।
इससे पहले फरवरी में दमोह जिले के हटा जनपद के मादो गांव में सड़क निर्माण के दौरान कॉपर के सिक्के मिले थे। इनमें से कुछ पर स्वस्तिक और त्रिशूल छपा था। मडियादो में 1520 से 1542 ईसवीं तक गोंडवाना के शासक संग्राम शाह ने शासन किया था।