Madhya Pradesh Civil Services Day: राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिविल सेवा को केवल एक पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा का प्रभावी माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन का मूल मंत्र है - "लोगों की हर संभव तरीके से सेवा"। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के उत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 लोकसेवकों को ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
डॉ. यादव ने कहा कि सिविल सेवकों को अपने अधिकारों का सदुपयोग करते हुए कर्तव्यों के प्रति हमेशा सजग रहना चाहिए। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वे जनता की समस्याओं को संवेदनशीलता से समझें और उनके समाधान की दिशा में गंभीरता से कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने लोकसेवा को बताया निष्ठा और समर्पण का कार्य
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा,"लोक सेवा एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे पूरी निष्ठा, समर्पण और मनोयोग से निभाना आवश्यक है। एक कुशल सिविल सेवक वही है, जो शासन के नियमों का पालन करते हुए जनता की कठिनाइयों का समाधान भी प्रदान करे।"
मुख्यमंत्री ने सभी लोकसेवकों से आह्वान किया कि वे पारदर्शिता और जन-जवाबदेही को शासन व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को ‘विकसित भारत@2047’ के दृष्टिकोण से और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
16 अधिकारियों को मिला ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार’
वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए चयनित 16 सिविल सेवकों को नवाचार और उत्कृष्ट प्रशासन के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सम्मानित अधिकारियों को ₹1 लाख की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
सम्मानित अधिकारियों में शामिल हैं:
- श्री माधव प्रसाद पटेल (माध्यमिक शिक्षक)
- श्रीमती अदिति गर्ग (पूर्व CEO, आयुष्मान भारत निरामयम योजना)
- डॉ. इंदिरा दांगी (शिक्षक, आष्टा)
- श्रीमती शारदा डुडवे (चंद्रशेखर आजाद नगर)
- श्री आलोक पौराणिक (प्राथमिक शिक्षक, दमोह)
- श्री चंद्रमोहन ठाकुर (पूर्व MD, भवन विकास निगम)
- डॉ. यशपाल सिंह (प्राचार्य, आवासीय विद्यालय, भोपाल)
- श्री संजय जोशी (MD, विद्युत वितरण कंपनी)
- श्री अमित तोमर (पूर्व MD, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी)
- श्री ऋषव गुप्ता (पूर्व कलेक्टर, देवास)
- श्री गणेश शंकर मिश्रा (पूर्व MD, विद्युत वितरण कंपनी)
- श्री दिव्यांक सिंह (पूर्व CEO, स्मार्ट सिटी इंदौर)
- श्री प्रवीण सिंह अढायच (पूर्व कलेक्टर, सीहोर)
- प्रो. बेला सचदेवा (सहायक प्राध्यापक, इंदौर)
- श्री भूपेंद्र कुमार चौधरी (माध्यमिक शिक्षक, सिवनी)
- सुश्री शीला दाहिमा (अतिरिक्त सचिव, शिक्षा विभाग)
नरोन्हा व्याख्यान श्रृंखला में सुशासन पर हुई चर्चा
सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्रशासन अकादमी में नरोन्हा व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश भर से अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। मुख्य वक्ता डॉ. दीपक बागला ने विकसित भारत के संदर्भ में सुशासन के अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। डॉ. यादव ने चाणक्य और सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रशासनिक योगदान को भी रेखांकित किया और लोकसेवकों से ‘डिग्निटी, इंटीग्रिटी और इंकरप्टिबिलिटी’ जैसे मूल्यों को आत्मसात करने की अपील की।
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