सार

इंदौर में बच्चों के मतांतरण की साजिश नाकाम! महंगे उपहार और मुफ्त इलाज का लालच देकर ईसाई बनाने का प्रयास, पुलिस ने 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया। जानें पूरा मामला।

Madhya Pradesh conversion news: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है। आरोप है कि एक ईसाई समूह हिंदू बच्चों को महंगे उपहार, मुफ्त इलाज और शिक्षा का लालच देकर ईसाई बनाने की कोशिश कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के 8 अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

कैसे हुई मतांतरण की साजिश उजागर?

रविवार को धार कोठी रहवासी संघ ने इस मतांतरण साजिश का पर्दाफाश किया। आरोप है कि क्रिश्चियन मिशनरी से जुड़े कार्यकर्ता बस्तियों में रहने वाले बच्चों को मेडिकल परीक्षण के बहाने बुलाते थे। वहां उन्हें नाश्ता, महंगे खिलौने, किताबें और पैसे देकर ईसाई धर्म अपनाने का प्रलोभन दिया जाता था।

राम-कृष्ण की पूजा छोड़ने की दी जा रही थी सलाह

पुलिस के अनुसार, बच्चों ने बताया कि उन्हें भगवान राम और कृष्ण की पूजा बंद करने को कहा जा रहा था। उनके हाथों में क्रूस के प्रतीक दिए गए और प्रभु यीशु की प्रार्थना करवाई गई। बच्चों से कहा गया कि वे अब यीशु के घर जा रहे हैं और आज से वे यीशु के अनुयायी बन चुके हैं।

पहले भी लगा चुके हैं धर्मांतरण कैंप

जांच के दौरान गिरफ्तार महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे पहले भी इसी तरह के कैंप लगाकर बच्चों का धर्म परिवर्तन करवा चुकी हैं। पुलिस ने शीला, अंशुमान, फ्रांसिना और प्रभा नामक चार महिलाओं को गिरफ्तार किया है और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5 के तहत केस दर्ज किया गया है।

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कैसे खुला पोल? रहवासियों को हुआ शक

रविवार सुबह संयोगितागंज थाना क्षेत्र में कुछ रहवासियों ने देखा कि एक जगह पर बड़ी संख्या में बच्चे इकट्ठे किए गए हैं। वहां महंगे खिलौने, किताबें, खाने-पीने की चीजें और कोल्ड ड्रिंक्स रखी गई थीं। जब उन्होंने महिलाओं से पूछताछ की, तो पहले उन्होंने बच्चों के मेडिकल परीक्षण का बहाना बनाया। लेकिन बच्चों के स्वजनों ने सच्चाई बता दी कि उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया जा रहा था।

हिंदू जागरण मंच ने पुलिस को बुलाया

घटना की जानकारी मिलते ही हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और तुरंत संयोगितागंज पुलिस को बुलाया। पुलिस ने मौके से चार महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी।

हिंदू युवक-युवतियों को भी बनाया जा रहा ईसाई

इस मतांतरण गिरोह का नेटवर्क केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं था। बड़ी संख्या में हिंदू युवक और महिलाएं भी इस जाल में फंसाए जा चुके हैं। आरोप है कि ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग उन्हें सरकारी योजनाओं, रुपयों, मुफ्त इलाज और बच्चों की शिक्षा का झांसा देकर ईसाई बना रहे थे।

गरीब बस्तियों को बनाया जा रहा था निशाना

ईसाई धर्म अपनाने के बाद महिलाएं इंदौर के राजेंद्रनगर, निरंजनपुर, रिंग रोड, आजादनगर, खुड़ैल, गांधीनगर, बाणगंगा और लसूड़िया मोरी जैसी बस्तियों में जाकर गरीब बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?

संयोगितागंज थाने के एसआई अरविंद खत्री ने बताया कि रविवार सुबह 10 बजे से बच्चों को एकत्र किया जा रहा था। उन्हें बगीचे में बैठाकर उनके सामने किताबें, खिलौने और खाने-पीने की चीजें रखी गईं, ताकि वे उनकी बातें मानें। पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।

 

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