सार
Gwalior factory fire: ग्वालियर में मल्टी व धागा फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 5 सिलेंडर फटे, 2 दमकलकर्मी घायल, एयरफोर्स तक को बुलाना पड़ा, आग पर काबू की कोशिश जारी।
Gwalior Fire Accident 2025: गुरूवार की सुबह ग्वालियर शहर उस समय दहल उठा, जब जनकगंज थाना क्षेत्र के खासकी बाजार इलाके में स्थित एक मल्टी और धागा फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लग गई। आग की घटना सुबह लगभग 4 बजे की बताई जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग इतनी तेज थी कि फैक्ट्री में रखे पांच एलपीजी सिलेंडर एक-एक करके फटने लगे, जिससे पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई।
दमकल दल ने शुरू किया रेस्क्यू, एयरफोर्स को भी बुलाना पड़ा
घटना की सूचना मिलते ही नगर निगम का फायर ब्रिगेड दल मौके पर पहुंचा। लेकिन आग की भयावहता को देखते हुए जल्द ही एयरफोर्स और पुलिस की फायर ब्रिगेड को भी मदद के लिए बुलाया गया। कई दमकल गाड़ियों की मदद से आग बुझाने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन सिलेंडर ब्लास्ट के कारण स्थिति और जटिल हो गई।
सिलेंडर ब्लास्ट ने बढ़ाई तबाही
इस फैक्ट्री में रखे गए पांच एलपीजी सिलेंडरों में एक के बाद एक धमाके हुए, जिससे न सिर्फ आग और फैल गई बल्कि इलाके में जबरदस्त दहशत फैल गई। धमाकों की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के मकान भी थर्रा उठे।
दमकलकर्मी घायल, अस्पताल में भर्ती
आग बुझाने के दौरान दो फायर ब्रिगेड कर्मी – योगेंद्र और पुरुषोत्तम गंभीर रूप से झुलस गए। सिलेंडर विस्फोट की चपेट में आने से दोनों घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की हालत स्थिर है, लेकिन निगरानी में रखा गया है।
आग लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग किस वजह से लगी। प्रशासन और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और घटनास्थल की फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच भी की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर शॉर्ट सर्किट या किसी रसायनिक प्रतिक्रिया की आशंका जताई जा रही है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों में दहशत, इलाके को किया गया खाली
धमाकों की आवाज और फैक्ट्री से उठती लपटों के कारण आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए आसपास के घरों को खाली करा लिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। कई घंटों बाद भी आग पूरी तरह से काबू में नहीं आई है।
प्रशासन पर उठे सवाल
इस हादसे ने प्रशासन और औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फैक्ट्री में गैस सिलेंडर क्यों रखे गए थे? क्या दमकल के पास पर्याप्त संसाधन हैं? क्या स्थानीय निकाय की भूमिका निष्क्रिय रही? इन सभी सवालों के जवाब प्रशासन को देने होंगे।