क्या 4 लीटर पेट्रोल लाने में 1 लाख का खर्च वाजिब था? मध्यप्रदेश के शिक्षा विभाग में सामने आया ऐसा घोटाला, जिसने भ्रष्टाचार की सीमाएं पार कर दीं… जांच में खुला चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा!
MP Petrol Scam Exposed: मध्यप्रदेश से एक ऐसा भ्रष्टाचार सामने आया है जिसने सरकारी तंत्र की पोल खोलकर रख दी है। सोचिए, केवल 4 लीटर पेट्रोल लाने के लिए 168 मजदूर और 65 पिकअप गाड़ियों का उपयोग दर्शाया गया! इतना ही नहीं, इस काम का खर्च ₹1.06 लाख बताया गया। मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है और अब इसकी जांच शुरू हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने फर्जी बिलों के जरिए दावा किया कि 4 लीटर पेट्रोल लाने के लिए 168 मजदूर और 65 पिकअप गाड़ियों की मदद ली गई। जब उच्च अधिकारियों ने खर्च का विवरण मांगा तो पूरा मामला सामने आया। असल में यह पूरा खर्च कागजों तक ही सीमित था। न मजदूर थे, न गाड़ियां… सब कुछ फर्जीवाड़े का हिस्सा था।
कैसे हुआ खुलासा?
जब अधिकारियों ने इस खर्च की समीक्षा की, तो हैरान रह गए। 4 लीटर पेट्रोल के लिए इतनी बड़ी जनशक्ति और संसाधनों की जरूरत ही नहीं थी। जांच में यह भी पाया गया कि जिन मजदूरों के नाम बिल में दर्शाए गए थे, वे या तो मौजूद नहीं थे या फर्जी पहचान के साथ दर्ज किए गए थे। पिकअप गाड़ियां भी केवल दस्तावेज़ों में दौड़ती दिखी थीं।
क्यों होता है ऐसा घोटाला?
सरकारी तंत्र में अक्सर ऐसे छोटे-बड़े घोटाले उजागर होते रहते हैं, जहां मामूली कामों के लिए भी भारी-भरकम खर्च दिखाकर सरकारी फंड की लूट की जाती है। इस बार यह करतूत शिक्षा विभाग में पकड़ी गई है, जो खुद भविष्य की नींव बनाने का जिम्मेदार माना जाता है।
अब क्या होगी कार्रवाई?
फिलहाल घोटाले की जांच जारी है और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी हो रही है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस मामले के उजागर होने के बाद अन्य विभाग भी सतर्क होंगे और ऐसे घोटालों पर लगाम लगेगी।