Damoh Crime: दमोह में पुलिस पर ऐसा हमला जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं! जमीनी विवाद सुलझाने गए आरक्षक और पायलट को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर जबरन शराब पिलाई, फिर ट्रैक्टर में आग लगाकर उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश की गई। कैसे बची जान?
Damoh Crime News: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मंगलवार की देर रात ऐसा घटनाक्रम सामने आया जिसने पूरे पुलिस सिस्टम को हिला दिया। मगरोन थाना क्षेत्र के गांव पैरवारा में जमीनी विवाद न केवल दो पक्षों के बीच टकराव बना, बल्कि उस विवाद को सुलझाने पहुंचे पुलिसकर्मियों की जान पर बन आई।
डायल 100 की टीम को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
जैसे ही डायल 100 पर जमीन विवाद की सूचना मिली, आरक्षक बलराम सिंह और पायलट मनोज सिंह मौके पर पहुंचे। वहां मौजूद ग्रामीणों ने पहले तो दोनों से बहस की, फिर मामला हिंसक हो गया। पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।
शराब पिलाने के बाद जलाने की साजिश!
हमला यहीं नहीं रुका – पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर जबरन शराब पिलाने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं, गांव में खड़े ट्रैक्टर में आग लगाकर दोनों को उसी में जिंदा जलाने का प्रयास भी किया गया। किसी तरह दोनों ने भागकर अपनी जान बचाई।
ग्रामीणों के आरोप: पुलिस ने लिए पैसे, नशे में थे अफसर?
विवाद की दूसरी परत में, ग्रामीणों ने पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने एक पक्ष से पैसे लेकर दूसरे का साथ दिया। कुछ ग्रामीणों का दावा है कि पुलिसकर्मी खुद नशे में थे, जिससे विवाद बढ़ा।
आरक्षक की चेतावनी: न्याय नहीं मिला तो करूंगा आत्महत्या
गंभीर रूप से घायल आरक्षक बलराम सिंह ने जिला अस्पताल में बयान देते हुए कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगा। उसने यह भी कहा कि "एमपी पुलिस को यूपी पुलिस की तरह सख्त बनना पड़ेगा।"
पुलिस ने दर्ज किया केस, दो आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में 25 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। कल्याण उर्फ बबली और शालिग्राम को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश के लिए जिले के विभिन्न थानों की फोर्स तैनात कर दी गई है।
प्रशासन के लिए बड़ा अलर्ट
दमोह की यह घटना न सिर्फ स्थानीय प्रशासन के लिए अलार्म है बल्कि पूरे राज्य की पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है। जब कानून के रक्षक ही सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी की सुरक्षा कौन करेगा?