सार
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में UPSC की तैयारी कर रही छात्रा की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। पिता ने उसकी पढ़ाई के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन गिरवी रखी थी, लेकिन एक तेज रफ्तार बाइक ने उनके सारे सपनों को तोड़ दिया। पढ़िए मर्माहत कर देने वाली घटना।
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में UPSC परीक्षा की तैयारी कर रही एक होनहार छात्रा की तेज रफ्तार बाइक की टक्कर से दर्दनाक मौत हो गई। खरगोन जिले से आई यह छात्रा अपने सुनहरे भविष्य के सपने लिए पढ़ाई कर रही थी, लेकिन एक झटके में उसकी जिंदगी खत्म हो गई। पिता ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए जमीन तक गिरवी रख दी थी, लेकिन नियति ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।
सड़क पार करते वक्त आया मौत का कहर
आजाद नगर पुलिस के मुताबिक 3 फरवरी की रात पवनपुरी पालदा क्षेत्र में श्रुति चौहान अपनी सहेली रेनु के साथ मेडिकल स्टोर से दवाई लेने निकली थी। जैसे ही दोनों सड़क पार कर रही थीं, तभी तेज रफ्तार में आई एक बाइक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि श्रुति के सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि रेनु के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हो गया। आसपास के लोग दौड़े और तुरंत दोनों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन श्रुति की हालत बिगड़ती चली गई और उसे एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
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पिता ने गिरवी रखी थी जमीन, अधूरा रह गया सपना
श्रुति एक होनहार छात्रा थी, जिसने खरगोन के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से बीई की डिग्री हासिल की थी। वह सिविल सेवा में जाने का सपना देख रही थी और पिछले दो वर्षों से इंदौर के आकार कोचिंग क्लास में UPSC की तैयारी कर रही थी। उसके पिता ने अपनी जमीन गिरवी रखकर उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया था। परिवार को उम्मीद थी कि बेटी एक दिन अफसर बनेगी और उनका नाम रोशन करेगी, लेकिन इस दर्दनाक हादसे ने उनकी सारी उम्मीदों को तोड़ दिया। श्रुति की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसके पिता बार-बार यही कह रहे हैं—"बेटी अफसर बनती, तो हमारी गरीबी मिट जाती... लेकिन अब सब खत्म हो गया!"
इंदौर में बढ़ते सड़क हादसे, कौन है जिम्मेदार?
इंदौर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। तेज रफ्तार वाहन, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, लापरवाही से गाड़ी चलाना और नशे में ड्राइविंग— ये सभी सड़क हादसों की बड़ी वजहें हैं। शहर में हर साल सैकड़ों लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में चली जाती है, लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक नियमों का पालन करने को लेकर लापरवाही बनी हुई है। आम जनता प्रशासन से मांग कर रही है कि स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक लाइट और CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि ऐसे हादसों पर लगाम लग सके।
क्या सड़क पर सुरक्षित चलना अब मुश्किल हो गया है?
- श्रुति जैसी होनहार छात्रा की असमय मौत ने फिर एक सवाल खड़ा कर दिया है—
- क्या हमारी सड़कें सुरक्षित हैं?
- क्या तेज रफ्तार पर काबू पाया जा सकता है?
- क्या लापरवाह ड्राइवरों पर सख्त कार्रवाई होगी?
- जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक न जाने कितनी श्रुतियां इसी तरह सड़क हादसों में अपनी जान गंवाती रहेंगी।
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