MP के मुरैना में मामा से शादी की ज़िद ने छीनी जान…मुरैना में ऑनर किलिंग का सनसनीखेज मामला! 19 वर्षीय मलिष्का ने जब मामा से शादी की जिद ठानी, तो दादा ने सिर में तीन गोलियां मार दीं, पिता सब देखता रहा… क्या यह इज़्जत की रक्षा थी या इंसानियत की हार?
Morena honor killing: True Love या पारिवारिक Taboo? मुरैना ऑनर किलिंग केस में रिश्तों की रूह कंपा देने वाली दास्तां! जब 19 साल की लड़की को "मामा" से प्यार करना पड़ा भारी, दादा ने कर दी हत्या और पिता बना रहा मूक दर्शक… पढ़ें हत्या की साजिश और पीछे की पूरी कहानी।
प्यार की जिद या इज़्ज़त का बोझ? मामा से शादी की जिद पर टूटा कहर
मुरैना जिले के बागचीनी थाना क्षेत्र के बदरपुरा गांव में 19 वर्षीय मलिष्का कड़ेरा की ऑनर किलिंग ने सबको झकझोर दिया है। पुलिस खुलासे में सामने आया है कि वह अपने चाचा के साले सूरज से प्रेम करती थी और उसी से शादी करना चाहती थी। लेकिन रिश्ते में वह मामा लगता था, जिससे परिवार नाराज़ था।
तीन गोलियां... और खामोश खड़ा रहा पिता
जब मलिष्का अपनी पसंद की शादी पर अड़ी रही, तो 68 वर्षीय दादा सरनाम कड़ेरा ने मौका देखकर उसकी सिर में तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी। और चौंकाने वाली बात ये रही कि मलिष्का का पिता माखन वहीं मौजूद था, लेकिन उसने बेटी को बचाने के बजाय चुप्पी साधे रखी।
मोबाइल सिग्नल से खुला राज़, बिखर गई झूठ की कहानी
हत्या के बाद पिता और दादा ने अलग-अलग लोगों पर शक जताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन पुलिस की टेक्निकल टीम ने घटनास्थल के मोबाइल लोकेशन डेटा से एक नंबर ट्रेस किया जो दादा का निकला। कड़ी पूछताछ में दादा सरनाम ने जुर्म कबूल कर लिया।
'पतिदेव' नाम से सेव था मामा जैसे लड़के का नंबर
जांच में यह भी सामने आया कि मलिष्का ने सूरज का नंबर अपने फोन में ‘पतिदेव’ नाम से सेव कर रखा था। इस रिश्ते पर परिवार की कड़ी आपत्ति थी, खासकर दादा की। वह हर हाल में मलिष्का की शादी कहीं और तय करना चाहते थे।
पुलिस को गुमराह करने पर अब पिता पर भी कार्रवाई तय
एसपी समीर सौरभ ने बताया कि मलिष्का की हत्या में पिता माखन की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि हत्या की योजना में शामिल होने और साक्ष्य मिटाने के प्रयास को लेकर माखन के खिलाफ अलग से केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
ऑनर किलिंग या हक़ के लिए लड़ती बेटी की कुर्बानी?
इस पूरे मामले ने समाज में ऑनर किलिंग के मुद्दे पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या किसी लड़की को अपने प्यार को चुनने का अधिकार नहीं? क्या सामाजिक मान्यताओं के नाम पर रिश्तों की हत्या जायज मानी जाएगी?