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शहीद सुशील नथानियल की अंतिम विदाई: कांधा देने पहुंचे मंत्री, इंदौर के कब्रिस्तान में उमड़ा जनसैलाब
Sushil Nathaniel funeral: पहलगाम आतंकी हमले में शहीद इंदौर निवासी सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार जूनी इंदौर में हुआ। पत्नी-बच्चों की हालत देख हर आंख नम हो गई। जानें पूरी इमोशनल कहानी, सरकार की मदद और वो दर्दनाक पल, जिसने इंदौर को झकझोर दिया।
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पहलगाम हमला—इंदौर के बेटे की शहादत
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इंदौर के सुशील नथानियल को हमसे छीन लिया। शहीद सुशील परिवार संग घूमने गए थे, लेकिन उनकी अंतिम यात्रा बन गई। पूरा शहर उनके बलिदान को सलाम कर रहा है।
'सरप्राइज' देने निकले थे, मौत बन गई आखिरी सरप्राइज
सुशील को परिवार को सरप्राइज देना पसंद था। इस बार भी उन्होंने बिना बताए कश्मीर जाने का प्लान बनाया। लेकिन वहां आतंकियों की गोली से उनका सफर यहीं थम गया।
एयरपोर्ट पर जैसे ही ताबूत पहुंचा, फूट-फूटकर रो पड़ी पत्नी
बुधवार रात इंदौर एयरपोर्ट पर जब उनका ताबूत पहुंचा, तो पत्नी जेनिफर बिलख पड़ीं। बहन और भाभी के गले लगकर दर्द छलक पड़ा। बेटी और बेटा गुमसुम खड़े रहे।
बेटी के पैर में गोली, बेटा बना मां का सहारा
हमले में सुशील की बेटी आकांक्षा को भी गोली लगी। पैर में गहरा जख्म है। बेटा ऑस्टिन खुद के आंसू रोकते हुए मां को संभालता रहा। यह दृश्य हर किसी की आंखें नम कर गया।
चर्च में अंतिम दर्शन, आंखें नम, दिल भारी
सुशील के पार्थिव शरीर को चर्च में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। यहां रिश्तेदारों और दोस्तों ने नम आंखों से विदाई दी। हर चेहरा गमगीन था, हर आंख में एक ही सवाल—"क्यों?"
इंदौर की सड़कों पर छाया मातम, ताबूत को कांधा देने पहुंचे मंत्री
शहरभर से लोग सुशील की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। ताबूत को कांधा देने मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक रमेश मेंदोला पहुंचे। लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
परिवार ने कहा—सरकार ने हर मोड़ पर दिया साथ
परिजनों ने बताया कि सरकार ने कश्मीर से लेकर इंदौर तक पूरा सहयोग दिया। प्रशासन और पुलिस लगातार संपर्क में रही। अंतिम संस्कार तक हर जरूरत पूरी की गई।
एक मुस्कान, जो हमेशा याद रहेगी
मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के सुशील अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें, मुस्कान और बलिदान हमेशा इंदौर और देशवासियों के दिल में जीवित रहेंगे।