सार

MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर में 9वीं कक्षा के छात्र ने मोबाइल गेम की लत और नया फोन न मिलने की जिद में जहर पीकर जान दे दी। जानिए पूरी खबर।

MP News: मोबाइल गेमिंग की बढ़ती लत बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रही है। इसका ताजा उदाहरण मध्यप्रदेश के इंदौर में देखने को मिला, जहां 9वीं कक्षा के छात्र प्रिंस (16) ने नया फोन न मिलने की जिद में जहर पी लिया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

नया फोन न मिलने पर उठाया खौफनाक कदम

छात्र प्रिंस शाह अपने माता-पिता से नया स्मार्टफोन खरीदने की जिद कर रहा था। वह फ्री फायर गेम खेलने का आदी था और उसका मोबाइल चोरी हो जाने के बाद वह अत्यधिक मानसिक तनाव में था। माता-पिता ने समझाने की कोशिश की कि सैलरी आने के बाद मोबाइल खरीद देंगे, लेकिन प्रिंस को तुरंत नया फोन चाहिए था। रविवार रात गुस्से में आकर उसने नजदीकी दुकान से जहरीली दवा खरीदी और उसे पी लिया। जब दोस्तों ने यह देखा तो तुरंत उसकी मां को बताया। परिजन उसे निजी अस्पताल ले गए, जहां से उसे एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया गया। सोमवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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परिवार में पसरा मातम, पुलिस कर रही जांच

पुलिस के अनुसार, छात्र के पिता संजय शाह एक मिठाई की दुकान पर काम करते हैं। परिवार को यकीन नहीं हो रहा कि मोबाइल गेम की लत ने उनके बेटे की जान ले ली। पुलिस ने मृतक के माता-पिता और अन्य परिजनों के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की जांच जारी है।

बच्चों की गेमिंग लत से बचाव जरूरी

आज के डिजिटल युग में बच्चों का मोबाइल गेम्स पर अत्यधिक निर्भर होना गंभीर चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, मोबाइल गेम की लत बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है और उन्हें अवसाद, चिड़चिड़ापन और गुस्से जैसी समस्याओं का शिकार बना सकती है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के साथ संवाद बनाए रखें और उन्हें गेमिंग की बजाय अन्य रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखें।

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