सार
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज मुरैना जिले के राजघाट पहुंचकर 10 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा। इससे पहले उन्होंने चंबल नदी का नाव से भ्रमण कर अभयारण्य की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि घड़ियालों की संख्या पूरे देश में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में है। 2024 की गणना के अनुसार प्रदेश में इस वक्त 2456 घड़ियाल मौजूद है। उन्होंने चंबल अभयारण्य के विषय में कहा कि तीन राज्यों में फैले इस रिजर्व की मदद से न केवल घड़ियालों को बचाया जा रहा है बल्कि इको टूरिज्म और जलीय जीवों को बचाते हुए पर्यावरण की भी रक्षा की जा रही है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि आज चंबल नदी को देश ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे स्वच्छ नदी माना जाता है। जहां कई प्रकार के कछुए और विदेश पक्षियों समेत कई जलीय जीव पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में यहां डाल्फिन के लिए भी अनुकूल वातावरण बनाए जाने की संभावना है। ऐसे में यहां पर्यटन को बढ़ाने और रोजगार के नये अवसर सृजित करने पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
देवरी इको सेंटर में होता है घड़ियालों का पालन
सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि हर साल घड़ियालों के जितने अंडे मिलते हैं उनमें से आधे अंडों को देवरी इको सेंटर में उचित तापक्रम पर रखकर निगरानी की जाती है। इसके बाद जब घड़ियाल अंडे से बाहर निकलते हैं तो करीब 2 से 3 साल तक उन्हें जलीय व्यवस्था में रखा जाता है ताकि उन्हें सुरक्षित बचाया जा सके। इसके बाद निश्चित आकार का होने पर उन्हें चंबल नदी यानि प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाता है।
चंबल में वन्य जीव पर्यटन की अपार संभावनाएं
सीएम डॉ यादव ने कहा कि चंबल में वन्य जीव पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र के ग्रामीणों को इसका लाभ दिलाने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। हाल ही में हमने श्योपुर में कून पालपुर के चीतों को खुले जंगल में छोड़ा है। वहीं चंबल अभयारण्य जो कई दशकों से अपने घड़ियालों के लिए प्रसिद्ध है उसे भी सेंचुरी बनाया जा सकता है। साथ ही माधव नेशनल पार्क को भी जल्द टाइगर रिजर्व की मान्यता दिलाने के प्रयास जारी है।
इस वर्ष 108 घड़ियाल रिलीज
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य मुरैना में सन 1981से घड़ियाल ग्रो एण्ड रिलीज प्रोग्राम शुरु किया गया था तब चंबल नदी में घड़ियाल की संख्या 100 से कम थी उक्त प्रोग्राम से घड़ियाल पुनर्वास केंद्र देवरी पर प्रति वर्ष चंबल नदी से 200अंडे लाकर देवरी केंद्र में घड़ियाल के शावकों को पालकर 120 सेंटीमीटर का होने पर प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाता हैं। इस वर्ष 13 जनवरी को 25, 19 जनवरी को 32, 29 जनवरी को 21, 6 फरवरी को 20 घड़ियाल छोड़े गए थे। वहीं सोमवार को 10 घड़ियालों को छोड़ा गया।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना, राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, विधायक सरला रावत समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।