MP women empowerment scheme: मध्यप्रदेश सरकार 'एक बगिया मां के नाम' योजना शुरू कर रही है, जिसमें महिलाओं को फलदार पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
Ek Bagiya Maa Ke Naam Yojana: मध्य प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण को एक साथ जोड़ते हुए एक नई अभिनव पहल की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित होकर राज्य सरकार अब ‘एक बगिया मां के नाम’ नामक विशेष परियोजना शुरू करने जा रही है, जिसमें न केवल लाखों पौधे लगाए जाएंगे, बल्कि स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त भी किया जाएगा।
15 अगस्त से शुरू होगा राज्यव्यापी अभियान
यह परियोजना 15 अगस्त 2025 से शुरू होकर 15 सितंबर 2025 तक चलेगी। इस अभियान के तहत 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इस पर सरकार लगभग 1000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह योजना मनरेगा के तहत संचालित की जाएगी।
फलदार बगिया से बढ़ेगी आमदनी
परियोजना के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक SHG महिलाओं को उनकी निजी जमीन पर फलदार बगिया लगाने की सुविधा दी जाएगी। इससे न केवल पर्यावरण लाभ होगा बल्कि महिलाओं की आमदनी का एक स्थायी स्रोत भी तैयार होगा।
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पौधों की देखरेख के लिए मिलेगा सरकार से सहयोग
परियोजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को सरकार द्वारा पौधे, खाद, गड्ढे खुदवाना, फेंसिंग, और 50 हजार लीटर जलकुंड बनवाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही बागवानी तकनीकों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, ताकि महिलाएं पेशेवर तरीके से अपनी बगिया चला सकें।
भूमि नहीं तो भी मिलेगा लाभ
यदि किसी महिला लाभार्थी के नाम पर भूमि नहीं है तो पति, पिता, ससुर या पुत्र के नाम की भूमि पर उनकी सहमति से पौधारोपण कराया जाएगा। इससे योजना का लाभ अधिकतम महिलाओं तक पहुंच सकेगा।
सिपरी सॉफ्टवेयर से होगा स्मार्ट चयन
परियोजना में आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित महिलाओं की जमीन की उपयुक्तता, जलवायु, और उपयुक्त पौधे का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाएगा। यदि कोई भूमि अनुकूल नहीं पाई जाती तो वहां पौधारोपण नहीं होगा। इससे संसाधनों का दुरुपयोग नहीं होगा और पौधों की सर्वाइवल रेट बढ़ेगी।
महिलाओं की आजीविका को मिलेगा नया आधार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह केवल पौधे लगाने की योजना नहीं, बल्कि मातृत्व और पर्यावरण के प्रति सम्मान का अभियान है। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होने का मौका मिलेगा और साथ ही वे अपने गांव और राज्य को हराभरा भी बना सकेंगी।
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