उज्जैन में 2025 में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट हुई। जोकि धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा। इसके जरिए मध्यप्रदेश सरकार निवेश बढ़ा रही है और वेलनेस टूरिज्म को प्रोत्साहित कर रही है। 

मध्यप्रदेश। उज्जैन में 2025 में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट हुई। जोकि धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा। इसके जरिए मध्यप्रदेश सरकार निवेश बढ़ा रही है और वेलनेस टूरिज्म को प्रोत्साहित कर रही है। इस दौरान 18 नई उद्योग नीतियाँ लागू हुईं, जिसमें स्पिरिचुअलिटी और वेलनेस पर ज़ोर दिया गया। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने इस दौरान कई सारी चीजों का जिक्र किया।

- औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 का आयोजन ऐतिहासिक है।

- उज्जैन धर्म, आध्यात्म, कला और विज्ञान के केंद्र के रूप में जाना जाता है। हजारों वर्षों से हम इस धरोहर को संजोकर रखे हुए हैं। यह विक्रमादित्य, सांदिपनि, कालिदास की भूमि रही है।

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- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस वर्ष को हम उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मना रहे हैं। प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए निवेश को बढ़ाया जा रहा है।

- उज्जैन को धर्म नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है। इस समिट के पैनल डिस्कशन में निवेशकों के साथ साझेदारी के बिंदुओं पर चर्चा की गई। कलेक्टर उज्जैन ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की जानकारी प्रदान की।

- वेलनेस टूरिज्म में प्रदेश की ग्रोथ रही है, जिसके आगामी 10 साल में तीन गुना होने की संभावना है। मध्यप्रदेश सरकार ने आनंद को प्रोत्साहित करने के लिए आनंद विभाग बनाया है। हम दूसरों के साथ खुशियां बांटने की कोशिश करें।

- जीआईएस के समय सरकार ने 18 नई उद्योग नीतियां लागू कीं। इसमें स्पिरिचुअलिटी के साथ वेलनेस के प्रोत्साहन पर विशेष जोर दिया गया है।