सार

सीएम मोहन यादव ने शिवपुरी में माधव टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया। बाघिन छोड़ी गई, अब 7 बाघ हो गए हैं। चंबल क्षेत्र की बदलेगी पहचान!

भोपाल/शिवपूरी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 10 मार्च को शिवपुरी स्थित माधव टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक बाघिन को छोड़ा। अब यहां बाघों की संख्या 7 हो गई है। इसके साथ ही सीएम डॉ. यादव ने माधव टाइगर रिजर्व की सेफ्टीवॉल का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने स्व. माधव राव सिंधिया को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इस टाइगर रिजर्व से चंबल क्षेत्र की पहचान बदल जाएगी। स्व. माधव राव सिंधिया ने वन्य जीवों का संरक्षण किया था। इस माधव टाइगर रिजर्व के रूप में हमें उनसे सौगात मिली है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन हमारे चंबल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण है। 9वें टाइगर रिजर्व माधव टाइगर रिजर्व को लोकार्पण से प्रदेश के इतिहास में नया अध्याय जुड़ा है। यहां बाघ पुनर्स्थापन का एक बड़ा प्रयोग हुआ है। इस टाइगर रिजर्व की स्थापना भारत सरकार के मापदंडों के आधार पर किया गया है। यह भारत का 58वां टाइगर रिजर्व है। यह टाइगर रिजर्व विकास के पथ पर बढ़ता कदम है। टूरिज्म सेक्टर में चंबल नई कहानी लिखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीता प्रोजेक्ट चलाकर प्रदेश के विकास के लिए कदम बढ़ाए थे। चीता प्रोजेक्ट देश के ईको-सिस्टम को विकसित करने का संकल्प था। अब उनके दूसरी पीढ़ी के चीतों को छोड़ा जा रहा है।

*अदभुत है माधव टाइगर रिजर्व* सीएम डॉ. यादव ने कहा कि घड़ियाल, भालू, तेंदुआ, गिद्ध भेड़िया जैसे जानवरों से चंबल क्षेत्र भरा हुआ है। यह टाइगर रिजर्व अद्भुत है। यहां टाइगर और इंसान के बीच परस्पर मेल दिखाई देगा। इंसान अपना काम करेगा और टाइगर अपनी जीवन शैली जिएगा। मुझे इस बात की खुशी है कि दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर हमारे देश में हैं। और, देश में सबसे ज्यादा टाइगर किसी राज्य में हैं तो मध्यप्रदेश में हैं। टाइगर के मामले में चंबल क्षेत्र पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब यह नई पहचान बना रहा है। खास बात यह भी है कि आज स्व. माधव राव सिंधिया की 80वीं जन्म जयंती है। विकास के मामले में उनकी अलग ही पहचान रही है। रेल और वन्य जीवों के साथ-साथ उन्होंने कई क्षेत्रों में काम किया।

*इतना बड़ा है इसका इलाका* माधव टाइगर रिजर्व का आरक्षित वन क्षेत्र 32429.52 हेक्टेयर, संरक्षित वन क्षेत्र 2422.00 हेक्टेयर और राजस्व क्षेत्र 2671.824 हेक्टेयर है। इस प्रकार कुल क्षेत्र 37523.344 हेक्टेयर यानी 375.233 वर्ग किलोमीटर है।