Jharkhand News: झारखंड का चतरा जिला नीति आयोग की मार्च 2025 डेल्टा रैंकिंग में देशभर में शीर्ष पर! 10 करोड़ का इनाम विकास कार्यों को देगा गति।
Chatra News: नीति आयोग द्वारा आयोजित आकांक्षी जिला कार्यक्रम की मार्च 2025 डेल्टा रैंकिंग में झारखंड के चतरा जिले ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि नीति आयोग के 112 आकांक्षी जिलों में चतरा के बेहतरीन प्रदर्शन को दर्शाती है। इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए चतरा को 10 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जिसका इस्तेमाल जिले में विकास कार्यों को और तेजी से लागू करने में किया जाएगा।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम क्या है?
आकांक्षी जिला कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य देश के उन 112 पिछड़े जिलों में तेजी से सुधार लाना है, जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल प्रबंधन, वित्तीय सुविधा, कौशल विकास और आधारभूत संरचना जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाता है, ताकि इन जिलों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।
नीति आयोग की समीक्षा में चतरा जिले को स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण स्तर में वृद्धि , अच्छी शिक्षा व्यवस्था, कृषि विकास, वित्तीय समावेशन और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सराहा गया। चतरा जिले ने न केवल योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू किया, बल्कि नवाचारों के माध्यम से जमीनी बदलाव भी लाया है।
इस सफलता पर चतरा की डीसी श्रीमती कीर्ति श्री ने जिला प्रशासन, विभागीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आम जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामूहिक मेहनत और जनभागीदारी का परिणाम है। उन्होंने विश्वास जताया कि चतरा भविष्य में भी इस गति को बरकरार रखेगा।
चतरा की यह सफलता आकांक्षी जिला कार्यक्रम के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर है। यह दर्शाता है कि अगर योजनाओं को सही नेतृत्व, रणनीति और जन सहयोग मिले, तो कोई भी जिला राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल कायम कर सकता है।
चतरा के साथ गढ़वा का भी बढ़ा मान
चतरा के साथ-साथ गढ़वा जिले को भी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए चुना गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट में गढ़वा के शैक्षणिक सुधार, स्कूल स्तर पर नवाचार और छात्रों की प्रगति की प्रशंसा की गई है। यह झारखंड के लिए दोहरी सफलता है।