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Vijay Rupani funeral: सत्ता से संन्यास तक, 12 तस्वीरों में देखिए विजय रूपाणी का अनदेखा सफर
Ex-CM Vijay Rupani's Final Journey: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की ज़िंदगी और राजनीतिक सफर को समेटती 12 दुर्लभ तस्वीरें सामने आई हैं। हर तस्वीर में छुपी है सत्ता, संघर्ष और सोच की कहानी। ये विजुअल्स उनकी अनसुनी विरासत की परतें खोलते हैं।
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अचानक हादसा और चौंकाने वाली खबर
Vijay Rupani Legacy: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता विजय रूपाणी का निधन एक विमान हादसे में हो गया है। वे Air India Boeing 787-8 Dreamliner से लंदन जा रहे थे, जहां उन्हें अपनी पत्नी और बेटी से मिलना था। सोमवार दोपहर को उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इस दुखद घटना के बाद गुजरात सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
कौन थे विजय रूपाणी?
विजय रूपाणी का जन्म एक जैन बनिया परिवार में हुआ था जो म्यांमार में व्यापार करता था। म्यांमार में अस्थिरता के चलते उनका परिवार गुजरात के राजकोट आ गया, जहां से उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई।
शिक्षा और राजनीतिक शुरुआत
उन्होंने राजकोट के धर्मेंद्रसिंहजी आर्ट्स कॉलेज से बीए और सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सक्रिय स्वयंसेवक रहे और बाद में जनसंघ से जुड़े।
1987 में पार्षद, फिर मेयर
उनका राजनीतिक सफर 1987 में शुरू हुआ जब वे राजकोट नगर निगम के पार्षद बने। बाद में 1996 में वे राजकोट के मेयर बने और शहर के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया।
राज्यसभा से विधानसभा तक
2006 से 2012 तक वे राज्यसभा सांसद रहे। इसके बाद उन्होंने राज्य की राजनीति में वापसी की और 2014 में गुजरात विधानसभा के सदस्य बने। यहाँ से उनकी नेतृत्व यात्रा को नई दिशा मिली।
मुख्यमंत्री बनने का सफर
2016 में आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद, पार्टी ने विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया। उन्होंने 2021 तक इस पद पर रहकर राज्य की राजनीति को स्थायित्व दिया।
विकास का चेहरा
रूपाणी के कार्यकाल को विकास-उन्मुख निर्णयों और प्रशासनिक सुधारों के लिए जाना गया। उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं और ‘नवगुजरात’ के विजन को मजबूत किया।
राजनीति में योगदान और मुख्यमंत्री पद
- 1987: राजकोट नगर निगम पार्षद चुने गए
- 1996-97: राजकोट के मेयर बने
- 2006-2012: राज्यसभा सदस्य रहे
- 2014: गुजरात विधानसभा पहुंचे
- 2016-2021: गुजरात के मुख्यमंत्री रहे
अंतिम यात्रा लंदन के लिए थी
उनकी अंतिम यात्रा विदाई बन जाएगी, किसी ने नहीं सोचा था। वे अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। यह उड़ान विजय रूपाणी के जीवन की आखिरी उड़ान बन गई।
ड्रीमलाइनर हादसा – क्या था तकनीकी कारण?
अहमदाबाद में टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद Air India Dreamliner में तकनीकी खराबी की आशंका जताई गई। विमान क्रैश होने से पहले कुछ सेकंड्स के लिए कॉकपिट सिग्नल बंद हो गए थे।
गुजरात में राजकीय शोक
गुजरात सरकार ने रूपाणी की मृत्यु पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। भाजपा समेत अन्य दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा।
एक विरासत जो पीछे रह गई
विजय रूपाणी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संघर्षमय जीवन, नेतृत्व शैली, और जनसेवा का जज्बा हमेशा याद किया जाएगा। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने ज़मीन से जुड़कर राजनीति की।