उत्तर गुजरात में पहली वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस में 1212 MoU साइन हुए, 3.24 लाख करोड़ निवेश का अनुमान। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, पीएम मोदी के विजन से गुजरात ‘गांव से ग्लोबल’ विकास की ओर अग्रसर है।
गांधीनगर। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के लोगों को सरकार के साथ जोड़कर ‘स्वच्छता से सेमीकंडक्टर’ तक हर क्षेत्र में विकास की नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन केवल शहरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने गांव-गांव तक विकास पहुंचाने का संकल्प लिया। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए राज्य में वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (VGRC) का आयोजन किया गया है।
उत्तर गुजरात में पहली वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का सफल समापन
श्री पटेल ने मेहसाणा जिले के खेरवा स्थित गणपत विश्वविद्यालय में आयोजित उत्तर गुजरात की दो दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, “वेल बिगन इज हाफ डन” यानी अच्छी शुरुआत आधी जीत के बराबर है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए ‘ग्लोबल विलेज’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को इस कॉन्फ्रेंस ने मजबूती दी है।
दो दिनों में 1212 MoU, 3.24 लाख करोड़ का निवेश संभावित
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में 21 क्षेत्रों में 1212 एमओयू हुए हैं। इनके माध्यम से 3.24 लाख करोड़ रुपए का संभावित निवेश उत्तर गुजरात में आएगा। यह निवेश क्षेत्र के विकास और रोजगार सृजन को नई गति देगा। उन्होंने इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सतत मार्गदर्शन को दिया और कहा कि इसमें केंद्र सरकार के मंत्रियों, विदेशी प्रतिनिधियों और ‘टीम गुजरात’ के कर्मयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
वाइब्रेंट समिट ने दी विकास को नई दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अब तक 10 वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट्स सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी हैं। इन समिट्स से राज्य को नई ऊर्जा, निवेश और रोजगार के अवसर मिले हैं। उन्होंने कहा कि अब रीजनल वाइब्रेंट कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह पहल और व्यापक तथा प्रासंगिक बन गई है। उत्तर गुजरात की पहली रीजनल कॉन्फ्रेंस की सफलता इस बात का प्रमाण है कि राज्य का विकास अब ‘गांव से ग्लोबल’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि का उदाहरण है वाइब्रेंट समिट
मुख्यमंत्री पटेल ने याद किया कि वर्ष 2003 में प्रधानमंत्री मोदी ने कई चुनौतियों के बीच वाइब्रेंट समिट की शुरुआत की थी, जो अब वैश्विक मंच पर पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई चर्चाएं, प्रस्तुतियां और एमओयू उत्तर गुजरात के विकास का नया अध्याय लिखेंगे। साथ ही उन्होंने अन्य क्षेत्रों की आगामी कॉन्फ्रेंस में भी सक्रिय भागीदारी की अपील की।
वित्त मंत्री कनुभाई देसाई: 'वाइब्रेंट मॉडल ने देश को दिशा दी'
वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि के चलते वाइब्रेंट समिट अब पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल की कठिनाइयों के बावजूद वाइब्रेंट की यात्रा रुकी नहीं, बल्कि और मजबूत हुई। उत्तर गुजरात से शुरू हुआ यह रीजनल वाइब्रेंट कॉन्फ्रेंस मॉडल आने वाले समय में राज्य के हर क्षेत्र को विकास से जोड़ेगा।
उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत: 'हर क्षेत्र को विकास में सहभागी बनाना उद्देश्य'
उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राज्य के सभी क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाना है। उन्होंने बताया कि इस पहले संस्करण में लघु, मध्यम और मेगा उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कॉन्फ्रेंस में गुणवत्ता, कौशल विकास और निवेश जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई और अनेक समझौते हुए।
GST और कर सुधारों से मजबूत हुआ देश: बलवंतसिंह राजपूत
श्री राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा आम नागरिक की चिंता करते हैं। उन्होंने युद्ध, कर सुधार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में भी जीएसटी सुधार, 12 लाख रुपये तक आयकर छूट और अन्य जनहितकारी फैसलों से देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य दिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में सिंगल विंडो सिस्टम और उद्योग-अनुकूल नीतियों ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को नई ऊंचाई दी है।
संतुलित विकास की दिशा में बड़ा कदम
उद्योग और खान विभाग की प्रधान सचिव सुश्री ममता वर्मा ने कहा कि रीजनल वाइब्रेंट समिट राज्य में समान और संतुलित विकास की दिशा में एक अहम कदम है। उनके अनुसार, इस कॉन्फ्रेंस ने उद्योगों के बीच नेटवर्किंग, सहयोग और विचार-विनिमय का मंच प्रदान किया है, जिससे रोजगार और नए औद्योगिक अवसरों का सृजन होगा।
वैश्विक भागीदारी और स्टार्टअप्स की सक्रिय भूमिका
उद्योग आयुक्त श्री पी. स्वरूप ने बताया कि इस समिट में 34 विदेशी कंपनियों और 170 से अधिक स्टार्टअप्स ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि 80 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ यह समिट एक वैश्विक आयोजन बन गया है। कृषि सेमिनार में जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड जैसे देशों ने हिस्सा लिया। कुल 29,000 प्रतिभागियों में से 440 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल हुए।
उद्योग जगत ने की गुजरात मॉडल की सराहना
महेन्द्रा एग्री के सीईओ श्री अशोक शर्मा और वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड के सीईओ श्री कपिल माहेश्वरी ने गुजरात के इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक इकोसिस्टम की सराहना की। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में गुजरात की प्रगति देश के लिए एक उदाहरण है।
कॉन्फ्रेंस में उच्च अधिकारियों और उद्योग जगत की उपस्थिति
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री पंकज जोशी, अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. दास, कृषि विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती अंजू शर्मा, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस.जे. हैदर, गणपत विश्वविद्यालय के संस्थापक श्री गणपत पटेल, महेन्द्रा के सीईओ श्री देवेन्द्र सिंह समेत उद्योग, शिक्षा और औद्योगिक संघों के कई प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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