सार

उत्तर भारत मूल के एक व्यक्ति ने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली। अपनी पत्नी द्वारा शिकायत दर्ज कराने से दुखी होकर उसने 40 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और फांसी लगा ली।

बेंगलुरु। उत्तर भारत का एक व्यक्ति बेंगलुरु आकर जीवन बसाया था। लेकिन, उसकी पत्नी उसके साथ न आकर उत्तर प्रदेश में ही रहकर उसके खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करा दी। इससे दुखी होकर पति ने 40 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और #justice is due# का बोर्ड अपनी गर्दन पर लटकाकर घर में फांसी लगा ली। यह घटना बेंगलुरु में हुई है।

पत्नी द्वारा प्रताड़ना का आरोप लगाने से परेशान व्यक्ति ने अवसाद में आकर आत्महत्या कर ली। यह घटना बेंगलुरु के मारतहल्ली में हुई है। मारतहल्ली के मंजुनाथ लेआउट में हुई इस घटना में मृतक व्यक्ति ने #justice is due# लिखा बोर्ड अपनी गर्दन पर लटकाया था। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के रहने वाले अतुल सुभाष के रूप में हुई है। 

मृतक अतुल सुभाष पर उत्तर प्रदेश में उसकी पत्नी ने मामला दर्ज कराया था। इससे अतुल मानसिक रूप से परेशान था। उसने 40 से ज़्यादा पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है। मरने से पहले उसने एक NGO के व्हाट्सएप ग्रुप में आधी रात को सुसाइड नोट भेजा था। उसने ग्रुप में लिखा, "अगर हो सके तो मेरे परिवार की मदद करें।" इसके बाद उसने अलमारी पर कुछ जानकारी चिपकाई और फांसी लगा ली।

सुसाइड नोट में उसने सब कुछ लिखा है, चाबी कहाँ है, क्या-क्या काम हो गया है, क्या-क्या काम बाकी है। मारतहल्ली पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया। जांच में पता चला है कि उसने आत्महत्या के 3 दिन पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। उसने पहले दिन, दूसरे दिन और तीसरे दिन क्या करना है, यह सब एक किताब में लिख रखा था। उसने अपनी इच्छा के अनुसार तीन दिन जीने की योजना बनाई थी, जिसे उसने दीवार पर भी चिपकाया था। खास बात यह है कि उसने अपनी गर्दन पर जो 'JUSTICE IS DUE' का पत्र लटकाया था, उसकी प्रतियां दीवारों पर भी चिपकाई थीं।

परिवार के लिए बेंगलुरु आकर कड़ी मेहनत कर रहा था। आखिरी समय में उसे अपनी बेटी याद आई। उसने अपनी बेटी के लिए एक उपहार लाकर रखा था। सुसाइड नोट में उसने लिखा है, "मेरी चार साल की बेटी के लिए यह उपहार है, कृपया इसे मेरी बेटी तक पहुँचा दें।" पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।