गुजरात सरकार की इंडेक्स्ट-सी पहल से हथकरघा-हस्तकला कारीगरों को मिल रहा है बड़ा मंच। तीन वर्षों में 234 मेलों-प्रदर्शनियों के ज़रिए 124 करोड़ से ज़्यादा की बिक्री हुई है, जिससे कारीगरों की आर्थिक स्थिति मज़बूत हो रही है।

गांधीनगर, 03 जून। राज्य में शहरी-ग्रामीण युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले; इसके लिए गुजरात सरकार द्वारा वर्ष 1992 से कुटीर एवं ग्रामोद्योग आयुक्त के बैनर तले इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन कॉटेज यानी इंडेक्स्ट-सी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन तथा कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत के नेतृत्व में इंडेक्स्ट-सी द्वारा वर्ष 2022-23, 2023-24 व 2024-25 यानी पिछले तीन वर्ष में कुल 234 मेलों-प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। इन तीन वर्षों में विभिन्न मेलों-प्रदर्शनियों के माध्यम से हथकरघा-हस्तकला के मिलाकर कुल लगभग 24689 कारीगरों द्वारा 124 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की विभिन्न वस्तुओं की गुजरात सहित देशभर में बिक्री की गई है।

इन मेलों-प्रदर्शनियों में गुजरात में कार्यरत इंडेक्स्ट-सी, अहमदाबाद हाट, भुज हाट तथा बोपल हस्तकला हाट (अहमदाबाद) द्वारा कुल 205 मेलों-प्रदर्शनियों का आयोजन कर हथकरघा-हस्तकला के लगभग 21318 कारीगरों के जरिये 99 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं की बिक्री की गई। इसी प्रकार; राज्य से बाहर कुल 29 मेलों-प्रदर्शनियों के जरिये हथकरघा-हस्तकला के लगभग 3380 कारीगरों द्वारा 25.87 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की वस्तुओं की बिक्री की गई।

समाज के प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं में रही कुशलताओं का उपयोग करने का अवसर मिले तथा वह मानवीय प्रतिष्ठा के साथ जी सके; इस उद्देश्य से गुजरात सरकार ने हथकरघा-हस्तकला तथा खादी ग्रामोद्योग से जुड़ी गतिविधियों से जुड़े कारीगरों के आर्थिक उत्कर्ष के लिए विभिन्न प्रयास शुरू किए हैं, जिसके अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग संस्थाओं के कारीगरों के माध्यम से तैयार की गई वस्तुओं की बिक्री के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म मिले और कुटीर उद्योग से जुड़े कारीगरों के आर्थिक उत्कर्ष के साथ उनके सामाजिक दर्जे में अधिकाधिक सुधार हो; इस उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा निरंतर नवीन परियोजनाओं व योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

इंडेक्स्ट-सी द्वारा हथकरघा-हस्तकला के कारीगरों के उत्थान के लिए कारीगरों की पहचान कर आर्टिजन कार्ड देने, कारीगरों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए मेले-प्रदर्शनियाँ आयोजित करने तथा स्थायी हाट स्थापित करने, कारीगरों को राज्य सम्मान व पुरस्कार देने, वंश परंपरागत कुशल कारीगरों के स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण देने और टूल किट वितरण जैसे अनेक कार्य किए जाते हैं।

जीआई टैग प्राप्त गुजरात के हथकरघा-हस्तकला उत्पाद

हमारा राज्य जीवंत संस्कृति, समृद्ध परंपराओं तथा विविधतापूर्ण कार्यों के लिए बहुत ही विख्यात है, जहाँ उसके इतिहास व विरासत को प्रस्तुत करने वाली अनेक अनूठी वस्तुएँ बनाई जाती हैं। इसके तहत हथकरघा-हस्तकला कारीगरों द्वारा तैया किए गए संखेडा के फर्नीचर, कच्छ की एम्ब्रॉइडरी, टांगलिया, शॉल, सूरत के जरी कार्य, जामनगरी बांधणी (बंधेज), कच्छ की शॉल, पाटण के पटोळे, वरली की चित्रकला, पिठोरा, मातानी पछेडी, कच्छा के रोगन क्राफ्ट, कच्छ की बांधणी, घरचोळा, गुजरात सूफ एम्ब्रॉइडरी, अहमदाबाद की सौदागरी ब्लॉक प्रिंट, सूरत के साडेली क्राफ्ट, भरूच की सुजनी तथा कच्छ की अजरख जैसी हथकरघा-हस्तकला वस्तुओं सहित कुल 28 विभिन्न उत्पादों को राज्य सरकार द्वारा जीआई टैग दिया गया है। इस प्रकार; इन उत्पादों को प्रतिष्ठित जीआई टैग मिलने से स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन एवं कारीगरों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है।

इसके अतिरिक्त; राज्य सरकार द्वारा हथकरघा-हस्तकला कारीगरों को प्रोत्साहन मिले; इस उद्देश्य से वर्ष 2023 में गुजरात के हथकरघा-हस्तकला क्षेत्र में उत्कृष्ट कामकाज कर उपलब्धि प्राप्त करने वाले विभिन्न 11 कारीगरों को क्राफ्ट वाइज अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया।

राज्य सरकार द्वारा अहमदाबाद हाट, भुज हाट तथा बोपल (अहमदाबाद) हाट और राज्य से बाहर मैसूर-कर्नाटक, हैदराबाद-तेलंगाना, प्रयागराज-उत्तर प्रदेश, भोपाल-इंदौर, दिल्ली, मुंबई, राजस्थान आदि राज्यों में गुजरात की हथकरघा-हस्तकला वस्तुओं का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार करने के लिए मेले-प्रदर्शनियाँ-उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त; इंडेक्स्ट-सी द्वारा वडोदरा, सिद्धपुर व राजकोट में स्थायी हाट की स्थापना तथा सूरत में पीएम एकता मॉल शुरू करने का कार्य शुरू किया गया है।

यहाँ उल्लेखनीय है कि इंडेक्स्ट-सी द्वारा हथकरघा-हस्तकला के कारीगर अपनी उत्पादित वस्तुएँ ग्राहकों को सीधे बेच सकें; इसके लिए राज्य के विभिन्न शहरों तथा गुजरात से बाहर अन्य राज्यों में मार्केटिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए मेले-प्रदर्शनियाँ आयोजित किए जाते हैं। इन प्रदर्शनी-सह-बिक्री मेलों में राज्य के सुदूरवर्ती गाँवों के हथकरघा-हस्तकला, कुटीर तथा ग्रामोद्योग की वंश परंपरागत कला को जीवंत रखते हुए कलाकृति का सृजन करने वाले कारीगरों द्वारा राज्य की भव्य एवं विविधतापूर्ण कला विरासत की हस्तकला को उजागर किया जाता है।