Gujarat Electronics Component Manufacturing Policy 2025: गुजरात सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी लॉन्च की है। इससे निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। जानिए इस पॉलिसी की खास बातें।

मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात की पॉलिसी ड्रिवन स्टेट के रूप में स्थापित हुई इमेज को व्यापक बनाने के लिए एक और पॉलिसी ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 (जीईसीएमएस)’ की घोषणा की है।

गुजरात को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का पावर हाउस बनाने की मंशा के साथ मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित की गई इस पॉलिसी की विशेषता यह है कि केन्द्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा मंजूरी तथा सहायता प्राप्त इकाइयों को गुजरात में भी केन्द्रीय मानदंड के अनुसार 100 प्रतिशत सहायता प्रोत्साहन मिलेगा।

यानी कि, गुजरात में स्थापित होने वाले एमईआईटीवाई स्वीकृत प्रोजेक्ट्स को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के दोहरे प्रोत्साहन लाभ प्राप्त हो सकेंगे।यह पॉलिसी केन्द्र सरकार की ईसीएमएस पॉलिसी से सुसंगत है और इसके तहत 100 प्रतिशत टॉपअप का अनुकरण कर आसानी से कम से कम समय में सहायता प्रोत्साहन उपलब्ध कराए जाएंगे।

इतन ही नहीं, एमईआईटीवाई द्वारा एक बार ईसीएमएस अंतर्गत प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद राज्य में स्थापित होने वाले प्रोजेक्ट्स स्वतः समान अनुदान – सहायता के पात्र बनेंगे और केन्द्र सरकार द्वारा सहायता का भुगतान किए जाने के बाद 30 दिन में राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा।

गुजरात देश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट लैंडस्केप में मैन्युफैक्चरिंग हब, ऑटो हब की प्रतिष्ठा वाला राज्य बना है। राज्य में चार सेमीकंडक्टर प्लांट्स भी कार्यरत हैं। ऐसे में, अब इस पॉलिसी के परिणामस्वरूप अपस्ट्रीम इंडस्ट्री को भी वेग मिलेगा और इसके चलते आयात पर निर्भरता घटेगी एवं टेक्नोलॉजिकल रेजिलिएंस में वृद्धि हो सकेगी।

इस पॉलिसी द्वारा राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक के नए निवेश तथा अधिकाधिक हाईस्किल्ड एम्प्लॉयमेंट का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित की गई इस जीईसीएमएस पॉलिसी के फलस्वरूप राज्य में मल्टीलेयर तथा एचआईडी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, एसएमडी पैसिव कम्पोनेंट्स, डिसप्ले एवं कैमरा मॉड्यूल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स तथा उसके उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनरी आदि जरूरी उद्योगों व इकाइयों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलने लगेगा।

इस पॉलिसी में इनोवेशन को प्रोत्साहन देकर टैलेंट गैप समाप्त करने के उद्देश्य से राज्य में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए उदारतम सहयोग देने का प्रावधान रखा गया है। तद्अनुसार, गुजरात में स्थित एवं मान्यता प्राप्त संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल्स या एप्लाइड रिसर्च लैब की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिक से अधिक 12.5 करोड़ रुपए तक की मैचिंग सहायता देय होगी।

जीईसीएमएस अंतर्गत टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव छह वर्ष की समयावधि तक प्रदान किया जाएगा

मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित की गई इस जीईसीएमएस पॉलिसी की मुख्य विशेषताएँ, उद्देश्य और प्रोत्साहन निम्नानुसार हैं :-

  • इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स उत्पादन से वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन्स में गुजरात का मजबूत स्थान स्थापित करना।
  • लोकल कम्पोनेंट तथा सब-असेम्बली उत्पादन को प्रोत्साहन देकर इलेक्ट्रॉनिक्स ग्लोबल वैल्यू चेन्स (जीवीसी) में उत्पादन मूल्य वृद्धि से अग्रसर रहकर आयात पर निर्भरता कम करना और निर्यात में वृद्धि करना।
  • भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस पॉलिसी का लाभ लेने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक करने होंगे।
  • केन्द्र सरकार के एमईआईटीवाई द्वारा सहायता मंजूर हुई हो और गुजरात में कार्यरत हों; ऐसे सभी प्रोजेक्ट्स को स्वतः इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा। 
  • गुजरात में उत्पादन यूनिट स्थापित करने के इच्छुक हों अथवा प्रगति पर हों; ऐसे प्रोजेक्ट्स को भी इसका लाभ मिलेगा। प्रोत्साहन (इंसेंटिव्स) 
  •  गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 अंतर्गत सहायता प्राप्त कर रही इकाइयों को छोड़कर अन्य इकाइयाँ ही इस नीति अंतर्गत देय लाभ प्राप्त करने के लिए मान्य होंगी। 
  •  इस नीति अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली इकाइयों को गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 का लाभ नहीं मिलेगा। 
  • प्रोत्साहन भारत सरकार की योजना की शर्तों तथा थ्रेशोल्ड के अनुसार रहेंगे।

अतिरिक्त प्रोत्साहन (इंसेंटिव्स)

  • कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा लॉजिस्टिक्स : इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टरों में कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण तथा विकास के लिए आवश्यकता आधारित सहायता दी जाएगी। इंसेंटिव वितरण
  •  भारत सरकार द्वारा मंजूर योजनाओं के लिए सहायता का भुगतान किए जाने के बाद राज्य सरकार 30 कार्य दिवस में सहायता का भुगतान करेगी। पॉलिसी की समयावधि 
  •  राज्य की इस नई नीति की समयावधि भारत सरकार की योजना के समान ही रहेगी।

पॉलिसी का क्रियान्वयन

  • गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 का क्रियान्वयन गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (जीएसईएम) द्वारा किया जाएगा।