सार
हरियाणा के हिसार में एक ऐसा पड़े मौजूद है जोकि 100 सालों से हवा में झूल रहा है। जड़ से अलग होने के बाद भी वो हरा-भरा है। इस पेड़ का तालुक जगन्नाथ पुरी से है।
हिसार। आज के समय में हमें कई चीजें ऐसी मौजूद हैं, जिनकी कल्पना हम बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। हरियाणा के अंदर एक ऐसा ही पेड़ मौजूद है जिसकी जड़े हवा में लटकी हुई है। जी हां, उस पेड़ की जड़े जमीन के अंदर नहीं बल्कि हवा में लटकी हुई आपको आसानी से नजर आ सकती है। उस पेड़ से जुड़ी कई ऐसी मान्यताएं हैं, जिनके बारे में जानने के बाद आप खुद हैरानी में पड़ जाएंगे। आइए जानते हैं उस अजब पड़े की गजब दस्तां।
हरियाणा के हिसार के हांसी शहर में एक समधा मंदिर मौजूद है। जहां पर बेहद ही प्राचीन वट वाला पेड़ है। उस पेड़ की जड़े हवा में लटकी हुई दिखाई देती है। हैरानी वाली बात ये है कि हवा में जड़े लटकी होने के बावजूद वो पेड़ हरा-भरा ही है। इस पेड़ को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पर आते हैं। हांसी में रहने वाले लोगों का ये कहना है कि यह वट वृक्ष पर जगन्नाथ पुरी महाराज का भी आशीर्वाद है। इसी वजह से ये पेड़ हवा में लटकने के बाद भी इतना हरा-भरा रहता है। बाबा जगन्नाथ पुरी महाराज ने 1586 इसवीं में इसी पेड़ के नीचे अपना डेरा लगाया था। हांसी में उस वक्त कोई भी हिंदू मौजूद नहीं था। यहां पर बैठकर उन्होंने कठोर तपस्या की थी। साथ ही यहीं पर उन्होंने समाधि भी ली थी। इसके बाद से ही लोग यहां पर आकर पेड़ पर सूत और नोट बांधकर मन्नत मांगते हुए जाते हैं।
वैज्ञानिकों ने दिया इसके पीछे का ये तथ्य
वैज्ञानिकों ने इस पेड़ को लेकर कहा कि बरगद की जड़े जमीन से गहराई तक मजबूती के साथ जुड़ी रहती है। इस पेड़ के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इस जड़ को प्रोप रूट भी कहा जाता है। ये इतना ज्यादा स्ट्रॉन्ग होती है कि शाखाएं टूटने के बाद भी पूरे पेड़ का भार उठाने में सक्षम होती है। इतने सालों बाद भी यह पेड़ हवा में लटका हुआ है।