IPS Y Puran Kumar Suicide Case : हरियाणा के सीनियर IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। नायब सिंह सैनी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए रोहतक एसपी को पद से हटा दिया है। जानिए अगल नंबर किस अफसर का…

Rohtak SP Narendra Bijarnia Removed from Post : हरियाणा की एडीडीपी और सीनियर आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सनसनीखेज सुसाइड केस ने प्रदेश में भूचाल ला दिया है। अब इस मामले में राज्य की नायब सैनी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सीएम ने तमाम आरोपों के बीच रोहतक जिला एसपी नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा दिया है। उनकी जगह आईपीएस सुरिंदर सिंह भोरिया को जिले की कमान सौंपी गई है।

हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर भी नंबर?

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर के साथ 12 अफसरों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। बताया जा रहा है कि सभी अफसरों पर गाज गिरने वाली है। लेकिन रोहतक एसपी पर सरकार ने पहला एक्शन लिया है। अब चर्चा है कि जल्द ही शत्रुजीत सिंह कपूर को सरकार लंबी छुट्टी पर भेज सकती है। एक दो दिन में मुख्यमंत्री के फैसले के बाद गृह मंत्रालय यह आदेश निकाल सकता है।

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9 पेज का सुसाइड नोट में लिखीं चौंकाने वाली बातें

बता दें कि आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को अपनी चडीगढ़ निवास में अपनी सर्विस गन से खुद को गोली मार ली थी। मरने से पहले उन्होंने 9 पेज का सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें लिखा था कि डीजीपी कपूर और रोहतक एसपी ने उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। मानसिक से लेकर समाजिक रूप से प्रताड़ित किया। जातिगत भेदभाव किया और उन्हें झूठे केस में फंसाया गया, प्रमोशन भी नहीं किया ना ही काम के हिसाब से सैलरी दी गई। जब यह सुसाइड नोट पूरन कुमरा की पत्नी और आईएएस अमनीत पी. कुमार को मिला तो उन्होंने सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और नोट में लिखे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग थी। उन्होंने कहा यह आत्महत्या नहीं, बल्कि सोचा समझी एक हत्या है, उन्हें इतना प्रताड़ित किया कि वह ना चाहकर भी मरने के लिए मजबूर हो गए।

गुरुग्राम नगर निगम कमिशनर ने किया सपोर्ट

एक तरफ बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पूरे हरियाणा में विरोध करने के लिए सड़क पर उतर आई है। कांग्रेस का आरोप है कि यह एक अधिकारी की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। सरकार को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ गुरुग्राम नगर निगम कमिशनर IAS प्रदीप दहिया ने भी मामले में खुलकर समर्थन दिया। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि अमनीत मेम हम आपके साथ हैं।

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