सार

दिल्ली पुलिस ने दो बड़े गैंग का पर्दाफाश किया, जो चोरी हुए मोबाइल से UPI हैक कर पैसों की हेराफेरी कर रहे थे। जानें कैसे कमजोर पासवर्ड से साइबर अपराध को बढ़ावा मिल रहा है।

Weak Password increasing Cyber Crime: दिल्ली पुलिस ने हाल ही में दो बड़े गिरोहों का भंडाफोड़ किया है जो चोरी और झपटमारी किए गए मोबाइल फोन के जरिए पैसों की हेराफेरी कर रहे थे। ये गिरोह झारखंड के नाबालिगों को कमजोर पासवर्ड का फायदा उठाने की ट्रेनिंग देते थे। बीते एक साल में इन गिरोहों ने 12,000 मोबाइल फोन को नेपाल, बांग्लादेश और बिहार में तस्करी कर कम से कम 12 लाख रुपये की कमाई की। पुलिस ने इन गिरोहों से जुड़े चार आरोपियों - विशाल कुमार (24), जसवंत राय (30), रमेश कुमार (36) और मुन्नी लाल महतो (30) को गिरफ्तार किया है।

चोरी के मोबाइल से UPI हैक कर उड़ाए लाखों रुपये

16 जनवरी को पुलिस को एक व्यवसायी से शिकायत मिली कि चांदनी चौक में उसका फोन चोरी हो गया था और उसके खाते से 5.3 लाख रुपये डेबिट हो गए। इसी तरह गुलाबी बाग में एक अन्य व्यक्ति का फोन चोरी होने के बाद 2.5 लाख रुपये निकाल लिए गए। पुलिस ने इन मामलों की जांच शुरू की।

DCP (नॉर्थ) राजा बंथिया ने इंस्पेक्टर रोहित सरस्वत और सब-इंस्पेक्टर प्रशांत के नेतृत्व में एक टीम बनाई। जांच के दौरान पता चला कि व्यापारी के UPI आईडी से एक मोबाइल रिचार्ज किया गया था जो मुख्य सुराग बना। यह नंबर बारा हिंदू राव इलाके में ट्रेस हुआ, जहां से विशाल को गिरफ्तार किया गया।

पासवर्ड 123456 का इस्तेमाल कर UPI से पैसे ट्रांसफर

पूछताछ में विशाल ने खुलासा किया कि वह चोरी किए गए मोबाइल फोन को नेपाल के मुंगेर होते हुए तस्करी करता था। वह झपटमारों और चोरों से मोबाइल खरीदता था और कमजोर पासवर्ड जैसे 123456 या जन्मतिथि जैसी सामान्य संख्याओं का उपयोग कर UPI आईडी एक्सेस कर लेता था। वह OTP प्राप्त करने के लिए सिम कार्ड नियंत्रित करता और फिर पैसों की निकासी करता।

पुलिस के अनुसार, विशाल का सहयोगी जसवंत हर 15 दिनों में चोरी के मोबाइल फोन एकत्र करने के लिए भेजा जाता था। रमेश को तब पकड़ा गया जब वह चोरी के मोबाइल का पार्सल रिसीव कर रहा था। पुलिस ने इनसे 171 मोबाइल फोन बरामद किए।

नाबालिगों को मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग

दूसरे मामले की जांच के दौरान पता चला कि डॉक्टर के खाते से पैसे ट्रांसफर करने के लिए सिम कार्ड को किसी अन्य डिवाइस में इंस्टॉल किया गया था। लोकेशन के आधार पर ज्योति नगर में छापेमारी कर महतो को पकड़ा गया, जबकि एक अन्य आरोपी फरार हो गया।

आगे की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह गिरोह नाबालिगों को झारखंड के साहिबगंज से लाकर मोबाइल चोरी की ट्रेनिंग देता था। पुलिस ने इस मामले में 100 से अधिक चोरी के मोबाइल बरामद किए हैं।

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