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ATM से लेकर नेटबैंकिंग तक! 10 साल के बच्चों को मिली बड़ी सुविधा, जानें RBI के नए Rules
RBI का चौंकाने वाला फैसला! अब 10 साल के बच्चे भी बिना अभिभावक बैंक खाता खोल सकेंगे। क्या ये नया नियम बच्चों को आज़ादी देगा या बढ़ाएगा खतरा? जानिए पूरी डिटेल और इसके पीछे का बड़ा गेम!
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RBI का बड़ा फैसला – बच्चों को भी मिलेगी बैंकिंग आज़ादी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब 10 वर्ष से अधिक उम्र के नाबालिगों को खुद से बैंक खाता खोलने और संचालित करने की अनुमति दी है। ये कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बिना अभिभावक के खाता खोल सकेंगे 10+ उम्र के बच्चे
नए नियमों के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक के बच्चे अब अपने नाम से बचत या सावधि जमा खाता खोल सकते हैं, और उसे बिना माता-पिता की मदद के भी चला सकते हैं—बशर्ते वह बैंक की रिस्क पॉलिसी के अनुसार हो।
इंटरनेट बैंकिंग से लेकर डेबिट कार्ड तक की सुविधा!
बैंक अब इन नाबालिग ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड और चेकबुक जैसी सुविधाएं भी दे सकेंगे—अगर ग्राहक प्रोफाइल बैंक की जोखिम नीतियों के अनुरूप पाया गया।
खाते में बैलेंस रहेगा ज़रूरी – शून्य से नीचे नहीं जा सकता
चाहे खाता स्वतंत्र रूप से संचालित हो या अभिभावक द्वारा, उसमें हमेशा पॉजिटिव बैलेंस होना चाहिए। यानी नाबालिग कभी ओवरड्राफ्ट या ऋण की स्थिति में नहीं आ सकेंगे।
1 जुलाई 2025 तक सभी बैंकों को करना होगा पालन
RBI ने बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक इन दिशा-निर्देशों को पूरी तरह से लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही खातों की सतर्क निगरानी और उचित वैरिफिकेशन भी ज़रूरी किया गया है।
वयस्क होते ही अपडेट होंगे दस्तावेज़
जब नाबालिग ग्राहक 18 वर्ष के हो जाएंगे, तो बैंक को उनके दस्तावेज़ और परिचालन निर्देशों को अपडेट करना होगा—ताकि उनका खाता अब वयस्क की तरह कार्य करे।
क्या ये कदम बच्चों को सशक्त बनाएगा या खतरा बढ़ाएगा?
इस फैसले से बच्चों को वित्तीय आज़ादी जरूर मिलेगी, लेकिन क्या इतनी जिम्मेदारी देना सुरक्षित है? जानकारों का कहना है कि जागरूकता के बिना यह सुविधा नुकसानदायक भी हो सकती है।