सार

7 जिंदगियां, 2 सुसाइड नोट और 20 करोड़ का कर्ज... पंचकूला में एक ही कार से मिला मौत का रहस्य। डैशबोर्ड और बैग में मिले दो नोट, क्या सबने खुद चुनी मौत या पीछे है कोई गहरी साजिश? पुलिस कर रही हैंडराइटिंग जांच, रहस्य और भी गहरा गया है।

Panchkula suicide case: पंचकूला में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत से सनसनी फैल गई है। मामला आत्महत्या का बताया जा रहा है, लेकिन डैशबोर्ड और डायरी से मिले दो सुसाइड नोट ने पूरे केस को रहस्यमय बना दिया है।

कार बनी मौत का ठिकाना: एक ही परिवार के 7 शव

सेक्टर-27, पंचकूला में सोमवार रात एक कार में 6 लोगों के शव मिले, जबकि 1 सदस्य की अस्पताल में मौत हो गई। मृतकों में व्यवसायी प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी, माता-पिता और तीन बच्चे शामिल हैं।

दो सुसाइड नोट: एक डैशबोर्ड में, दूसरा बैग की डायरी में

पुलिस को कार के डैशबोर्ड और बैग में रखी डायरी से दो सुसाइड नोट मिले। यह बात संदेह बढ़ाने वाली है कि दोनों नोट एक ही व्यक्ति ने लिखे या किसी और ने भूमिका निभाई?

20 करोड़ का कर्ज, जब्त संपत्ति और टूटी उम्मीदें

सुसाइड नोट के अनुसार, प्रवीण मित्तल भारी कर्ज के बोझ से दबे थे। बैंकों ने उनके दो फ्लैट, एक फैक्ट्री और गाड़ी जब्त कर ली थी। खुद का खर्च चलाने के लिए वे टैक्सी चलाने लगे थे।

'अब लड़ने की ताकत नहीं रही' – नोट में परिवार की वेदना

सुसाइड नोट में प्रवीण ने लिखा: “हमने बहुत कोशिश की, लेकिन कहीं से कोई उम्मीद नहीं मिली। अब जीवन से लड़ने की ताकत नहीं रही।” यह पंक्तियां उनके टूटे हुए हौसले को बयां करती हैं।

हैंडराइटिंग मिलान और फॉरेंसिक जांच जारी

पुलिस अब दोनों नोटों की हैंडराइटिंग और भाषा की तुलना के लिए फॉरेंसिक जांच करवा रही है। क्या ये नोट प्रवीण ने ही लिखे या इसमें कोई और शामिल है, ये जल्द सामने आएगा।

धमकियों और मानसिक तनाव का भी जिक्र

परिजनों के अनुसार, प्रवीण को कर्ज चुकाने में विफल रहने पर जान से मारने की धमकियां मिलती थीं। शायद इसी मानसिक दबाव ने उन्हें इस कदम तक ला दिया।

देहरादून से पंचकूला तक का सफर और संघर्ष

प्रवीण मित्तल का परिवार 2020 से 2023 तक देहरादून में रहा और फिर पंचकूला आ गया। गाड़ी भी किराये पर ली गई थी, जो एक परिचित के नाम पर फाइनेंस हुई थी।

अंतिम इच्छा: भाई करे अंतिम संस्कार

प्रवीण ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी उनके चचेरे भाई संदीप अग्रवाल को सौंपी जाए। इससे उनकी भावनात्मक स्थिति का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।

आत्महत्या या कुछ और?

पुलिस अब भी आत्महत्या की पुष्टि में जुटी है, लेकिन दो सुसाइड नोट, भारी कर्ज, और परिवार सहित जान देना – इन सबने इस मामले को एक गहरी मिस्ट्री बना दिया है।