सार
IPS अधिकारी जया रॉय, जिन्होंने झारखंड के जामताड़ा को साइबर अपराधियों से मुक्त कराया, अब तहव्वुर राणा जैसे 26/11 हमले के मास्टरमाइंड की जांच की अगुवाई कर रही हैं। जानिए उनका सफर।
Mumbai Terror Attack: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की जांच अब देश की दो तेजतर्रार IPS अधिकारियों – जया रॉय और आशीष बत्रा – के हाथ में है। तहव्वुर राणा को हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है और वह अब एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की हिरासत में है।
कौन हैं IPS अधिकारी जया रॉय?
डॉ. जया रॉय, झारखंड कैडर की 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। 22 अप्रैल, 1979 को पश्चिम बंगाल में जन्मी जया रॉय ने एमबीबीएस की डिग्री के बाद सिविल सेवा परीक्षा पास कर पुलिस सेवा को चुना। वे वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) के पद पर तैनात हैं।
झारखंड कैडर की अधिकारी है जया रॉय
जया रॉय ने झारखंड में अपनी सेवा की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने कुख्यात साइबर क्राइम हॉटस्पॉट जामताड़ा में अपराधियों की नकेल कसने में बड़ी सफलता हासिल की। उनके नेतृत्व में हुई कार्रवाई ने न केवल अपराध पर ब्रेक लगाया, बल्कि उस केस से प्रेरित होकर नेटफ्लिक्स की हिट वेब सीरीज "जामताड़ा" भी बनाई गई।
NIA में IPS जया रॉय विशेष जिम्मेदारी
2019 में वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एनआईए में शामिल हुईं और वहां से उनका रैंक SP से DIG तक पहुंचा। आज वे 26/11 जैसे ऐतिहासिक आतंकवादी हमले की जांच की अगुवाई कर रही हैं। तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने में जया रॉय और उनके सहयोगी आशीष बत्रा की बड़ी भूमिका रही है।
जया रॉय के साथ ये अधिकारी भी तहव्वुर राणा केस में निभा रहे अहम भूमिका
NIA टीम के IG जया रॉय के साथ इस केस में कार्यरत हैं आशीष बत्रा, जो 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह भी झारखंड कैडर से हैं और वर्तमान में एनआईए में महानिरीक्षक (IG) के पद पर हैं। झारखंड में उन्होंने उग्रवाद विरोधी ‘जगुआर यूनिट’ का नेतृत्व किया था। उन्हें 2019 में एनआईए में प्रतिनियुक्त किया गया था, जिसका कार्यकाल बाद में दो साल और बढ़ा दिया गया।
तहव्वुर राणा और 26/11 हमला
तहव्वुर राणा को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का एक मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसकर ताज होटल, ओबेरॉय, CST स्टेशन और यहूदी केंद्र पर हमला किया था। इस हमले में 166 लोगों की जान गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। NIA अब तहव्वुर राणा से पूछताछ कर रही है और पाकिस्तान के आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े कई राज़ सामने आने की उम्मीद है।