Delhi Assembly Voting: दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के खिलाफ हरियाणा (Haryana) में पुलिस केस (Police Case) दर्ज हुआ है। मामला यमुना जल प्रदूषण (Yamuna Water Pollution) को लेकर उनके उस बयान पर दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाया था। यह केस भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS) की कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
केजरीवाल पर कौन-कौन से आरोप?
हरियाणा पुलिस ने केजरीवाल पर दंगा भड़काने (Inciting Riot), नफरत फैलाने (Promotion of Hatred), झूठे आरोप लगाने (False Accusation), धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (Insult to Religious Sentiments) जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अरविंद केजरीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली की जनता के खिलाफ ‘यमुना में जहर’ मिला रही है। इस बयान के बाद चुनाव आयोग (Election Commission - EC) ने उनसे सबूत मांगे, जिस पर केजरीवाल ने तंज कसते हुए कहा था: हमारे पास चार बोतलें हैं, चुनाव आयोग को भेज देंगे, पीकर दिखाइए, फिर हम मान लेंगे।
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राजनीतिक घमासान तेज, बीजेपी-कांग्रेस भी उतरे मैदान में
यमुना जल प्रदूषण का मुद्दा चुनाव में खूब उछला। इस मुद्दे पर बीजेपी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने एक वीडियो जारी कर यमुना का पानी पीते हुए खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश की। हालांकि, AAP ने आरोप लगाया कि उन्होंने पानी पीने के बाद उसे बाहर थूक दिया।
उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्होंने वादा किया था कि पांच साल में यमुना साफ कर देंगे लेकिन कर नहीं पाए। मैं कहता हूं कि वे खुद यमुना का पानी पीकर दिखाएं, फिर अस्पताल में मुलाकात होगी।
राहुल गांधी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भी इस बहस में एंट्री मारी। उन्होंने कहा: हरियाणा में बीजेपी सरकार है, हम जिस पानी को खुद पीते हैं, उसमें जहर नहीं मिला सकते।
यमुना जल में ज़हर या महज चुनावी रणनीति?
चुनाव आयोग भी इस बहस में शामिल हो गया। आयोग ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board - DJB) ने जो पत्र सौंपा था, उसमें यमुना में अमोनिया (Ammonia in Yamuna) का स्तर 700 गुना अधिक बताया गया। हालांकि, आयोग ने साफ किया कि केजरीवाल के 'हरियाणा सरकार ने जहर मिलाया' वाले बयान पर वह पूरी तरह चुप रहे।
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