सार

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2019 में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ की पूर्व नेता शेहला राशिद शोरा के खिलाफ भारतीय सेना पर किए गए ट्वीट से जुड़े राजद्रोह के मामले को वापस लेने की दिल्ली पुलिस की अर्जी को मंजूरी दे दी है।

Shehla Rashid Sedition Case: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की पूर्व नेता शेहला राशिद शोरा को बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह केस को दिल्ली पुलिस ने वापस ले लिया है। शेहला राशिद के खिलाफ 2019 में भारतीय सेना पर आपत्तिजनक ट्वीट करने के चलते केस दर्ज हुआ था दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी लगाकर शेहला पर दर्ज राजद्रोह केस वापस लेने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया।

 

 

शेहला राशीद कौन हैं? 

शेहला राशीद JNU में पढ़ती थीं। वह छात्र नेता रहीं हैं। वह 2015-16 में JNU छात्र संघ की उपाध्यक्ष बनीं। वह अखिल भारतीय छात्र संघ की सदस्य भी रहीं हैं। उनका विवादों से गहरा नाता रहा है। 2016 में वह भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने के आरोपों के चलते चर्चा में आईं थीं।

शेहला राशिद के खिलाफ क्यों दर्ज हुआ था राजद्रोह का मामला  

शेहला राशिद ने 18 अगस्त 2019 को ट्वीट करके आरोप लगाया था कि भारतीय सेना के जवान जम्मू-कश्मीर में लोगों के घरों में घुसकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। सेना ने उनके आरोप को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था।

अलख आलोक श्रीवास्तव की शिकायत पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने राशिद के खिलाफ FIR दर्ज किया था। उन पर अपने ट्वीट के माध्यम से विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।

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कैसे बदला दिल्ली पुलिस का रुख 

शेहला राशिद कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचक थीं। बाद में उन्होंने यूटर्न लेते हुए पीएम मोदी की तारीफ शुरू कर दीं। राशिद ने जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की तारीफ की है। कहा, "इन सभी चीजों के लिए किसी को बर्फ तोड़ने की जरूरत थी। इसके लिए मैं मौजूदा सरकार, खासकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को श्रेय देना चाहूंगी।"

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