सार
Delhi News: दिल्ली में ब्रेन स्ट्रोक से गर्भवती महिला की मौत हो गई लेकिन परिवार ने दुख के बीच बड़ा फैसला लेते हुए एक ऐसा फैसला लिया जिससे चार लोगों को नया जीवन मिल गया।
Delhi News: दिल्ली में रहने वाले एक परिवार में खुशियों की किलकारी गूंजने वाली थी। हर किसी को बच्चे का इंतजार था। हर कोई बहू की सेवा कर रहा था। लेकिन आठवें महीने में कुछ ऐसा हुआ जिससे सारी खुशियां मातम में बदल गई। बहू की तबीयत अचानक से बिगड़ गई। हालत खराब होने पर उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचकर डॉक्टरों ने कुछ ऐसा बताया जिसे सुनने के बाद परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई।
प्रेग्नेंट महिला को आया ब्रेन स्ट्रोक
38 वर्षीय आशिता चांडक को 7 फरवरी को ब्रेन स्ट्रोक आया जिसके बाद उन्हें गंभीर ब्रेन डैमेज के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उनके गर्भ में पल रही आठ महीने की बच्ची की समय से पहले सिजेरियन डिलीवरी करने का फैसला किया। वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखते हुए ऑपरेशन किया गया। परिवार की उम्मीद थी कि आशिता भी ठीक हो जाएंगी। लेकिन डॉक्टरों के हर संभव प्रयास के बाद भी वह महिला को नहीं बचा पाए। अशिता की मौत की खबर सुनकर पूरा परिवार सदमे में आ गया।
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आशिता के ससुर ने लिया बड़ा फैसला
इसके बाद परिवार ने बड़ा फैसला लेते हुए आशिता के अंगदान का निर्णय लिया। एक ओर घर में नवजात बच्ची की किलकारी गूंज रही थी तो दूसरी ओर बहू के चले जाने का गम। पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। इसी बीच, डॉक्टरों ने परिवार से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह आशिता के अंगदान के लिए तैयार हैं? गमगीन माहौल के बावजूद परिवार ने इस नेक कार्य के लिए सहमति दे दी।
इसके बाद मेडिकल टीम ने अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी की और आशिता की दोनों किडनियां, लिवर और कॉर्निया निकालकर जरूरतमंद मरीजों को दान कर दिए। उनके इस निर्णय ने चार लोगों को नया जीवन देने का अवसर प्रदान किया जिससे आशिता की यादें हमेशा जीवित रहेंगी।