Delhi Assembly election results: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2025) में करारी शिकस्त झेलने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के अंदर घमासान तेज हो गया है। आप के सह-संस्थापक और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को इस हार के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को एक पारदर्शी और लोकतांत्रिक संगठन के रूप में शुरू किया गया था लेकिन केजरीवाल ने इसे एक सुप्रीमो नियंत्रित, अपारदर्शी और भ्रष्ट पार्टी बना दिया।

Delhi Election 2025 में AAP की हार: शीश महल, लोकपाल विवाद और अंदरूनी कलह बनी वजह?

प्रशांत भूषण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा: एक पार्टी जो पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए बनाई गई थी, उसे अरविंद केजरीवाल ने एक व्यक्ति-प्रधान, अपारदर्शी और भ्रष्ट पार्टी में बदल दिया जिसने लोकपाल (Lokpal) को ही नहीं अपनाया और अपने ही लोकपाल को हटा दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने खुद के लिए ₹45 करोड़ का शीश महल (Sheesh Mahal) बनवाया और महंगी गाड़ियों में सफर करने लगे। बीजेपी (BJP) ने इस मुद्दे को चुनाव प्रचार में जमकर भुनाया और AAP इसे प्रभावी रूप से काट नहीं सकी।

AAP की हार के बाद केजरीवाल पर फूटा गुस्सा, 10 साल बाद प्रशांत भूषण ने बताई असली वजह

प्रशांत भूषण ने इस पोस्ट में 2015 में अरविंद केजरीवाल को लिखी अपनी एक चिट्ठी भी साझा की। यह चिट्ठी तब लिखी गई थी जब AAP ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) को विरोधियों का दमन करने के आरोप में पार्टी से बाहर कर दिया था। इस पत्र में उन्होंने केजरीवाल की कार्यशैली की तुलना स्टालिन (Stalin) की तानाशाही से की थी। उन्होंने लिखा था: दिल्ली में प्रचंड जीत के बाद आपको अपनी बेहतरीन योग्यता दिखानी चाहिए थी लेकिन अफसोस, आपकी सबसे बुरी प्रवृत्तियां सामने आईं। लोकपाल हटाना, हमें और अन्य आलोचकों को पार्टी से बाहर करना, सोवियत संघ में स्टालिन द्वारा की गई शुद्धिकरण मुहिम की याद दिलाता है। आपको जॉर्ज ऑरवेल (George Orwell) की 'एनिमल फार्म' (Animal Farm) पढ़नी चाहिए ताकि आपको समझ में आए कि स्टालिन के रूस और आज AAP में क्या समानताएं हैं। आपको लगता है कि अगर आप दिल्ली सरकार (Delhi Government) को अच्छे से चला लेंगे तो लोग पार्टी में हुई गड़बड़ियों को भूल जाएंगे। लेकिन कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) भी सरकारें चला चुकी हैं। हम एक ईमानदार और सैद्धांतिक राजनीति का सपना लेकर आए थे लेकिन मुझे डर है कि आपकी कार्यशैली के कारण यह सपना बुरे सपने में बदल जाएगा। फिर भी, मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं।

Prashant Bhushan का बड़ा बयान: AAP के अंत की शुरुआत?

दिल्ली में 26 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जबरदस्त वापसी की और 70 सीटों में से 48 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही है। वहीं, AAP महज 22 सीटों पर सिमट गई। खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत AAP के कई दिग्गज उम्मीदवार हार गए। हार स्वीकार करते हुए केजरीवाल ने बीजेपी को बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेगी।

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