सार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की नई दिल्ली सीट से हार, भाजपा के प्रवेश वर्मा ने दी मात। जनता ने 'आप' सरकार को नकारा, केजरीवाल समेत कई दिग्गज हारे।

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को आए। सबसे चौंकाने वाला रिजल्ट नई दिल्ली विधानसभा सीट का रहा है। यहां आम आदमी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हार हुई है। भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने उन्हें 4089 वोट से हराया। प्रवेश वर्मा को 30088, अरविंद केजरीवाल को 25999 और तीसरे नंबर पर रहे संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले।

दिल्ली चुनाव के रिजल्ट देखकर साफ पता चलता है कि जनता ने आम आदमी पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए वोट दिया था। यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया तक आप के कई दिग्गज हार गए। सीएम आतिशी किसी तरह अपना सीट बचा सकीं। अरविंद केजरीवाल क्यों हारे इसके 5 मुख्य वजहों पर विचार करें तो, केंद्र सरकार से लड़ाई, शीशमहल और कांग्रेस प्रमुखता से सामने आते हैं।

अरविंद केजरीवाल के चुनाव हारने की 5 प्रमुख वजहें

1- केंद्र सरकार से लड़ाई: आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र सरकार के बीच लड़ाई कुछ ऐसी थी कि कभी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी। आए दिन आप नेताओं और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच टकराव की खबरें आतीं रहती थीं। इससे जनता के काम प्रभावित हो रहे थे। लोग ऐसी सरकार चाहते थे जो केंद्र के साथ मिलकर चले और आम जनता की भलाई के लिए काम करे।

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2- शीशमहल: अरविंद केजरीवाल यह कहकर राजनीति में आए थे कि आम आदमी की सरकार बनाना चाहते हैं। अपने लिए घर, कार, सुरक्षा, नौकर-चाकर और दूसरे राजशी इंतजाम नहीं चाहिए। सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी उसी ढर्रे पर आ गई जैसा दूसरी पार्टियां करती हैं। केजरीवाल ने सीएम आवास में काम कराया। विपक्ष द्वारा इसकी खूब आलोचना की गई। उसे शीशमहल नाम दिया। जनता को बताया कि अरविंद केजरीवाल बात आम आदमी की करते हैं और खुद के लिए महल बनवाते हैं।

3- दिल्ली शराब घोटाला: आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन सरकार चलाते-चलाते उसपर भ्रष्टाचार के ऐसे आरोप लगे कि वह इससे पीछा नहीं छुड़ा सकी। दिल्ली शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी। इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा।

4- दिल्ली में प्रदूषण: आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए कुछ खास नहीं कर सकी। वायु प्रदूषण हो या यमुना नदी का दूषित जल, आप सरकार स्थिति बेहतर नहीं कर सकी। केजरीवाल ने यमुना नदी को साफ करने का वादा किया था, लेकिन 10 साल से अधिक सत्ता में रहकर भी इस वादे को पूरा नहीं कर सके। इसकी जगह केंद्र व राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराते रहे।

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5- कांग्रेस: लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के गठबंधन का हिस्सा थी। दिल्ली चुनाव के लिए आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हुआ। दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। कांग्रेस को जितने वोट मिले उससे भाजपा को फायदा हुआ। नई दिल्ली विधानसभा सीट की बात करें तो कांग्रेस ने संदीप दीक्षित जैसे मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतारा। संदीप दीक्षित दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं। संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले। अरविंद केजरीवाल की हार 4089 वोट से हुई। संदीप दीक्षित को जितने वोट मिले अगर वे केजरीवाल को मिलते तो चुनाव परिणाम कुछ और हो सकते थे।